दिल्ली में नई आबकारी नीति लागू

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नई दिल्ली, 17 नवंबर (हि.स.)। राजस्व बढ़ाने और शराब की बिक्री में माफियाराज को खत्म करने के लिए दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति को लागू किया है, इस नीति का पुरजोर विरोध भी हो रहा है। नई आबकारी नीति से दिल्ली में शराब की दुकानों की रूप रेखा बदलने का दावा किया जा रहा है। ड्राई डे की संख्या 21 से घटाकर केवल तीन दिन कर दी गयी है। इसके आलावा शराब पीने की न्यूनतम उम्र 25 वर्ष से घटाकर 21 वर्ष की गई है।

शराब की दुकानें खुली जगह पर कम से कम 500 वर्गफीट वाली होंगी, एयर कंडीशन युक्त होंगी, जहां धक्का-मुक्की नहीं होगी और लोग आसानी से अपनी पसंद की शराब खरीद सकेंगे।

कुल 849 शराब की दुकानें खुलेंगी

दिल्ली में नई आबकारी नीति के तहत मौजूदा सरकारी शराब की 372 दुकानें 16 नवंबर को बंद हो गई थी। उसके बदले अब दिल्ली के अलग-अलग ईलाकों में कुल 849 शराब की दुकानें खुलेंगी। यह दुकानें मेगास्टोर की तरह होंगी, जहां किसी भी कोने तक ग्राहक स्वयं जाकर अपनी पसंद का शराब खरीद सकता है। बुधवार को दिल्ली में नई आबकारी नीति लागू हो गई तो इस नीति के तहत फिलहाल 350 शराब की निजी दुकानें जो पहले से दिल्ली के मॉल व अन्य व्यवसायिक इलाकों में चल रहे थे, वहां ही शराबों की बिक्री शुरू हुई।

नई दुकानें तैयार नहीं

प्रत्येक वार्ड में औसतन तीन खुदरा शराब दुकानों के साथ प्रत्येक जोन में कुल 27 खुदरा दुकानें होंगी। आबकारी नीति 2021- 22 के मुताबिक, दिल्ली के 68 विधानसभा क्षेत्रों में 272 निगम वार्डो को 30 जोन में बांटा गया है। नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) क्षेत्र और दिल्ली छावनी में 29 दुकानें होंगी। जबकि इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर शराब की 10 खुदरा दुकानें होंगी। दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के तहत 266 प्राइवेट शराब की दुकानों सहित सभी 849 शराब की दुकानें टेंडर के जरिए निजी कंपनियों को दे दी गई हैं। नए लाइसेंस धारक शराब की खुदरा बिक्री 17 नवंबर बुधवार से शुरू हुई है।

सुरक्षा पुख्ता करना दुकानदार की जिम्मेदारी

नई आबकारी नीति में कहा गया है कि लाइसेंस प्राप्त करने वालों को पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था करनी होगी। व्यवस्था बनाये रखना, उनकी जिम्मेदारी होगी। दुकान के आसपास पूरी सुरक्षा व्यवस्था करना दुकानदार की जिम्मेदारी होगी।

नामी ब्रांड की शराब मिलने होगी मुश्किल

मामले से जुड़े जानकारों के मुताबिक, नई शराब की दुकानें खुलने के बाद शराब और बीयर की पूरी वैरायटी नहीं मिल पाएगी, क्योंकि शराब और बीयर के देसी-विदेशी ब्रांड रजिस्टर्ड होने में देरी हो रहा है। इस वजह से लोगों को उनकी पसंदीदा शराब की वेराइटी मिलने में मुश्किल होगी।

शराब परोसने के लिए जरूरी लाइसेंसों को किया गया एक

दिल्ली सरकार ने रेस्टोरेंट में शराब परोसने के लिए जरुरी चार अलग-अलग लाइसेंसों का विलय कर दिया है। नई आबकारी नीति के तहत रेस्टोरेंट में शराब परोसने के लिए अब एक ही लाइसेंस की जरुरत होगी। अधिसूचना के अनुसार मौजूद एल-17, एल-17 एफ, एल-18 और एल-18 एफ लाइसेंस का संयुक्त विलय एल-17 लाइसेंस के रूप में कर दिया गया है। एल-17 लाइसेंस की जरुरत स्वतंत्र रेस्टोरेंट में भारतीय शराब परोसने, जबकि एल-17 एफ लाइसेंस की जरुरत विदेशी शराब परोसना के लिए होती है। वही एल-18 और एल-18 एफ लाइसेंस भारतीय रेस्टोरेंट में वाइन, बीयर और एल्कोपॉप के साथ भारतीय और विदेशी शराब परोसने के लिए हैं।

दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति को लेकर वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया पहले ही कह चुके हैं कि दिल्ली सरकार अब कोई शराब की दुकानें नहीं चलाएगी। इसे पूरी तरह प्राइवेट सेक्टर को सौंप दिया गया है। शराब की गुणवत्ता चेक करने के लिए विशेष लैब की स्थापना की जाएगी।

कई जगहों पर लगभग 24 घंटे शराब की बिक्री होगी

नई नीति के अनुसार दिल्ली के सभी 272 वार्ड में औसतन तीन शराब के ठेके खोले जायेगें और कुल 849 ठेके निजी क्षेत्र में खोले जाएंगे। मैरेज हॉल आदि को एक साल के लिए लाइसेंस देने का प्रावधान कर दिया गया है, जिससे अप्रत्यक्ष रूप से दिल्ली के लगभग हर मोहल्ले में शराब ठेके खुल जाएंगे।

दिल्ली सरकार ने पिछले दो वर्षों में राजधानी में अवैध शराब की भारी मात्रा बरामद की है। इस दौरान 7.9 लाख अवैध शराब की बोतलें पकड़ी गई हैं। इनमें 1864 मामले में एफआईआर हुई है और 1939 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

शराब माफियाओं के 1014 वाहन भी जब्त किये गये हैं। अनुमान है कि दिल्ली में अभी तक 2000 शराब की अवैध दुकानें चल रही थी। सरकार का कहना है कि नई आबकारी नीति से दिल्ली में नकली शराब बिकने को रोका जा सकेगा।


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