भोपाल: एम्स में कोरोना मरीजों पर नई दवा का ट्रायल शुरू
भोपाल, 30 अप्रैल (हि.स.)। कोरोना महामारी से चल रहे युद्ध में राजधानी भोपाल एक अहम पड़ाव बनता जा रहा है। बुधवार को जहां चिरायु अस्पताल में प्लाज्मा थैरेपी की शुरुआत हुई थी, वहीं गुरुवार से राजधानी स्थित एम्स में एक नई दवा का ट्रायल शुरू किया है। ट्रायल में अगर सफलता मिलती है, तो यह दवा कोरोना मरीजों के उपचार में रामबाण साबित हो सकती है।
राजधानी भोपाल स्थित एम्स में गुरुवार सुबह से कोरोना संक्रमित मरीजों पर माइक्रोबैक्टीरियम-डब्ल्यू (एमडब्ल्यू) नामक दवा के ट्रायल की प्रक्रिया शुरू हो गई है। एम्स के आईसीयू में भर्ती तीन कोरोना संक्रमित क्रिटिकल मरीजों को पहला डोज देकर इसका ट्रायल शुरू किया गया। हर मरीज को इंजेक्शन के रूप में माइक्रोबैक्टीरियम डब्लू दवा के तीन डोज दिए जाएंगे। इस दवा का वैक्सीन के रूप में पहले भी ट्रायल हो चुका है। लंग कैंसर, कुष्ठ, टीबी और निमोनिया जैसी बीमारियों के इलाज में इसके परिणाम सकारात्मक रहे हैं। अब तक इस दवा का इंसानों पर कोई साइड इफेक्ट सामने नहीं आया है। यह दवा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है, जिससे मरीज खुद-ब-खुद ही संक्रमण से ठीक हो जाता है। यदि ट्रायल सफल रहता है, तो कोरोना मरीजों के उपचार में इस दवा का उपयोग व्यापक पैमाने पर किया जा सकता है।
इससे पहले बुधवार को राजधानी भोपाल स्थित चिरायु अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज में प्लाज्मा थैरेपी की शुरुआत हुई। जबलपुर निवासी एक सराफा व्यवसायी की पत्नी जो कोरोना से जंग जीत चुकी हैं, ने प्लाज्मा डोनेट किया था, जिसे चिरायु अस्पताल में भर्ती एक पुलिस अधिकारी को चढ़ाया गया है। फिलहाल डॉक्टर उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रहे हैं।