काठमांडू 13 मई (हि.स.)। नेपाल में जारी राजनीतिक संकट के बीच नेपाल के मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस (एनसी) ने देश में सरकार बनाने का फैसला किया है। इससे पहले के पी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली पार्टी द्वारा विश्वास मत खो देने के बाद राष्ट्रपति बिद्यादेवी भंडारी ने ओली सरकार के विश्वास मत हारने के बाद सभी राजनीतिक दलों से गुरुवार तक नई सरकार का गठन करने को कहा था।
मुख्य विपक्षी दल नेपाल कांग्रेस पदाधिकारियों की बैठक में अगली सरकार बनाने का फैसला करते हुए यह पहल की है। शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व वाली पार्टी को नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी माओइस्ट सेंटर (सीपीएन-एमसी) का समर्थन प्राप्त है। उम्मीद की जा रही है जनता समाजवादी पार्टी-नेपाल (जेएसपीएन) के सांसद भी समर्थन करेंगे।
स्थानीय समाचार पत्र ‘द हिमालयन टाइम्स’ के अनुसार नेपाल कांग्रेस ने सीपीएन-यूएमएल के माधव कुमार नेपाल और झलनाथ खनाल के नेतृत्व वाले धड़े के सांसदों से सरकार गठन में मदद करने की उम्मीद भी जताई है। 271 सदस्यीय प्रतिनिधिसभा में नेपाल कांग्रेस के पास 61, सीपीएन-एमसी के 49 सांसद हैं। पार्टी को अपने नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाने के लिए 26 और सांसदों की जरूरत पड़ेगी। जेएसपी-एन के 32 सदस्य समर्थन देकर सरकार गठन में अपनी भूमिका निभा सकते हैं।
नेशनल कांग्रेस (एनसी) के संयुक्त सचिव प्रकाश शरण महत ने बैठक के बाद कहा, जेएसपी-एन मुद्दे पर बंटी हुई है। हम उम्मीद करते हैं कि जेएसपी-एन गुरुवार की समय सीमा तक सरकार गठन में हमें समर्थन देगी। उन्होंने कहा कि सीपीएन-एमसी की अगुवाई करने वाले पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने पार्टी को आश्वस्त किया है कि नेपाल कांग्रेस के नेतृत्व में अगली सरकार बनाने के लिए वह समर्थन देंगे।
ओली को फिर मिल सकता है मौका
स्थानीय समाचार पत्र ‘काठमांडू पोस्ट’ के मुताबिक, यदि किसी कारणों से विपक्ष सरकार बनाने में या सरकार बनने के बाद 30 दिन में विश्वास मत हासिल नहीं कर पाती है तो राष्ट्रपति अनुच्छेद 76 (3) लागू कर सकती हैं।ऐसे हालात में ओली एक बार फिर सरकार बनाने का दावा कर सकते हैं और उन्हें 30 दिन में विश्वास मत जीतना होगा। इस तरह ओली को सत्ता में वापसी का एक और मौका मिल सकता है।