कुशीनगर, 25 जून (हि. स.)। नेपाल सरकार ने गतिरोध को खत्म करते हुए अपने हिस्से में पड़ने वाली गंडक बैराज के दाहिने तरफ बने तटबंध में बने एफ्लक्स बांध की मरम्मत और रखरखाव की अनुमति बिहार सरकार के अधिकारियों को दे दी है।
बिहार से अभियंताओं का एक दल मरम्मत कार्य के लिए पहुंच गया है। टीम ने बुधवार से मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया है। नेपाल से निकलने वाली गंडक नदी के बैराज से नेपाल समेत भारत के बिहार तथा यूपी के कई जिलों में बिछाई गई नहरों में जल की आपूर्ति होती है जिसमें पश्चिमी गंडक नहर से महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया जिले को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होता है। इसमें मुख्य गंडक नहर का 33 किलोमीटर का हिस्सा कुशीनगर जिले में पड़ता है। इसके खजूरिया, खसरारी समेत पांच शाखा नहर, 23 रजवाहा तथा 199 माइनर निकली हुई है। लगभग 1600किलोमीटर में फैली नहर है।
यह कुशीनगर में सिंचाई का प्रमुख साधन है। इन के माध्यम से किसान कम लागत में फसलों को भरपूर पानी देकर अच्छी उपज लेते हैं। हर साल बिहार सरकार इस बांध व इससे जुड़े फाटक बैराज आदि की मरम्मत करती है। किंतु कुछ दिनों मरम्मत के लिए नेपाल ने अनुमति नही दी। इसके लिए कोविड 19 का बहाना बनाया गया। बावजूद इसके बिहार राज्य के जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने नेपाल के अधिकारियों के साथ लगातार पत्राचार और बातचीत जारी रखी थी।
बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने इस सम्बन्ध में केंद्र सरकार को पत्र लिखकर नेपाल द्वारा मरम्मत कार्य पर रोक लगाने की सूचना दी थी। नेपाल की सहमति मिल जाने से जल संसाधन विभाग बाल्मीकि नगर के कार्यपालक अभियंता मोहम्मद जमील अहमद, सहायक अभियंता विकास कुमार, गंडक बराज एसएसबी कंपनी के निरीक्षक कालिदास भूअर्जुन और जनसंपर्क विभाग के अधिकारी तारा सिंह, नेपाल कस्टम अधिकारी विकास कुमार के बीच बातचीत हुई। तय हुआ कि जो कर्मचारी नेपाल के 18 से लेकर 36 फाटक और एफलक्स बांध की मरम्मत करेंगे उनको कोविड-19 का प्रमाण पत्र देना होगा।
गौरतलब है कि गंडक बैराज पर कुल 36 फाटक हैं। इनमें से 17 फाटक तक का हिस्सा भारत में पड़ता है। इस हिस्से में राज्य के जल संसाधन विभाग के विभाग ने बार सुरक्षात्मक कार्य पूरा कर लिया है और लगातार गस्ती भी शुरू कर दी है। बड़ी समस्या नेपाल के इलाके में पड़ने वाले 18 से 36 तक के फाटक को लेकर थी।
नेपाल में लॉकडाउन लागू होने की वजह से वहां के अधिकारियों ने इस हिस्से में बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य का अनुमति नहीं दी थी। इसको लेकर दोनों देश के अधिकारियों में कई दौर की वार्ता हुई। तब जाकर नेपाल के अधिकारियों ने मंगलवार के दिन से एफ्लक्स बांध सहित गंडक बैराज के 18 वें फाटक से लेकर 36 में फाटक तक की मरम्मत कार्य शुरू करने की अनुमति दे दी है।