काठमांडू, 13 मई (हि. स.)। नेपाल के सत्ता की चाबी एकबार फिर से केपी शर्मा ओली के हाथों में आ गई है। विपक्ष के बहुमत जुटाने में असफल होने पर राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने ओली को एकबार फिर से प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया है। उनको अगले 30 दिनों में बहुमत साबित करना होगा। वहीं तमाम राजनीतिक उठापटक के बाद भी विपक्षी दल नई सरकार बनाने के लिए सदन में बहुमत जुटाने में असफल रहे।
गत सोमवार को ओली के विश्वास मत खोने के बाद राष्ट्रपति ने विपक्षी दलों को गुरुवार रात तक सरकार गठन की समय सीमा तय की थी, लेकिन राजनीतिक धड़ों के बीच आपसी गुटबाजी के कारण इन लोगों के बीच सरकार बनाने को सहमति नहीं बन सकी। इसके साथ ही केपी शर्मा ओली फिर से प्रधानमंत्री बन गए।
शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व वाली नेपाल कांग्रेस मंगलवार को प्रधानमंत्री पद के लिए दावा पेश करने का निर्णय लिया था, लेकिन राजनीतिक दलों के बीच सहमति कायम नहीं होने के कारण वो सरकार नहीं बना सके। इसका कारण महंत ठाकुर की अगुवाई वाली जनता समाजवादी पार्टी-नेपाल (जेएसपी-एन) का सरकार बनाने में शामिल होने से इनकार करना था।