नेपाल आए भारतीय धार्मिक पर्यटकों का विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर , दही और खीर से स्वागत !

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काठमांडू : विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर नेपाल में प्रवेश करने वाले भारतीय धार्मिक पर्यटकों को सीमा नाका पर दही और खीर खिला कर स्वागत किया गया। नेपाल के प्रवेश द्वार बीरगंज में शुक्रवार को विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर भारत से आने वाले धार्मिक पर्यटकों के लिए नेपाल पर्यटन बोर्ड और होटल एसोसिएशन ने सामूहिक रूप से इस स्वागत कार्यक्रम का आयोजन किया है।

इस अवसर पर बीरगंज महानगरपालिका के मेयर राजेशमान सिंह खुद मौजूद रहे। उन्होंने विभिन्न सवारी साधन से धार्मिक प्रयोजन के लिए यहां आ रहे पर्यटकों को दही और खीर खिलाकर स्वागत किया। इस अवसर पर मेयर ने कहा कि नेपाल में विमान से आने वाले पर्यटकों का ही स्वागत होता है जबकि यहां सबसे अधिक पर्यटक सड़क मार्ग से आते हैं।

उन्होंने कहा कि नेपाल में सबसे अधिक पर्यटक धार्मिक प्रयोजन से आते हैं, इसलिए सबसे अधिक उनका महत्व होना चाहिए। मेयर सिंह का कहना है कि नेपाल एक देवभूमि है और यहां पर पशुपतिनाथ, मुक्तिनाथ या जानकी मंदिर का दर्शन करने तो आते ही हैं, इसके अलावा और भी कई अन्य धार्मिक स्थल हैं, जो भारत के लोगों की श्रद्धा के केंद्र हैं। उन्होंने कहा कि सप्तरी का सखरा भगवती और कंकलिनी भगवती के दर्शन के लिए बिहार और उत्तर प्रदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं।

इसी तरह पांच साल में लगने वाले विश्व प्रसिद्ध गढ़ीमाई में बिहार उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश और राजस्थान से भी दस लाख से अधिक श्रद्धालु आते हैं। ऐसे ही अलग अलग नदी तट पर लगने वाले मेले में सहभागी होने के लिए भी लाखों भारतीय श्रद्धालु आते हैं ।

नेपाल पर्यटन बोर्ड की सदस्य श्रद्धा श्रेष्ठ ने कहा कि हमारी सरकार के पास विमानों से आने वाले भारतीय पर्यटकों का आंकड़ा तो रहता है लेकिन जो हजारों भारतीय पर्यटक सड़क मार्ग से आते हैं, उनका ना तो कहीं आंकड़ा रखा जाता है और न ही उनकी सुविधा के लिए कुछ विशेष प्रबंध किया जाता है। हालांकि, नेपाल के पर्यटन क्षेत्र में सबसे बड़ा योगदान भारत से सड़क मार्ग से आने वाले धार्मिक पर्यटकों का ही होता है.


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