नीता अंबानी को विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने के प्रस्ताव का रिलायन्स इंडस्ट्रीज ने खंडन किया

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बोले,बीएचयू से ऐसा कोई प्रस्ताव ही नहीं मिला, विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रस्ताव को नकार कहा आधिकारिक सूचना जारी नहीं की गई 



वाराणसी, 17 मार्च (हि.स.)। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में सामाजिक विज्ञान संकाय के महिला अध्ययन एवं विकास केंद्र में रिलायन्स इंडस्ट्रीज की कार्यकारी निदेशक नीता अंबानी को विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने के प्रस्ताव को रिलायंस समूह ने निराधार बताया है।
 मीडिया में ऐसी खबरों का रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की ओर से खंडन किया गया है। समूह के प्रवक्ता ने ट्वीट कर कहा कि नीता अंबानी ने बीएचयू की ओर से विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने संबंधी किसी भी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया है। बीएचयू की ओर से भी ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं मिला है।
इस मामले में बीएचयू के जनसम्पर्क अधिकारी प्रो.राजेश सिंह ने बताया कि गत दिनों विभिन्न समाचारपत्रों, ऑनलाइन एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में श्रीमती नीता अंबानी को  विश्वविद्यालय स्थित सामाजिक विज्ञान संकाय के महिला अध्ययन केन्द्र में विज़िटिंग प्रोफेसर बनाए जाने संबंधी ख़बरें प्रकाशित हुई थीं। इस संबंध में मीडिया के कई सदस्यों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से सम्पर्क भी साधा था और विस्तृत जानकारी मांगी थी।
 प्रो. राजेश सिंह ने स्पष्ट किया कि श्रीमती नीता अंबानी को विश्वविद्यालय के किसी भी संकाय/विभाग/केन्द्र में विज़िटिंग प्रोफेसर नियुक्त करने, शिक्षण की कोई भी ज़िम्मेदारी देने संबंधी कोई भी आधिकारिक निर्णय विश्वविद्यालय प्रशासन ने नहीं लिया है। और न ही ऐसा कोई प्रशासनिक आदेश जारी किया गया है।
 उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में विज़िटिंग प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए विद्वत परिषद् की मंज़ूरी आवश्यक होती है। इस मामले में न तो ऐसी कोई मंज़ूरी दी गई है और न ही इस प्रकार का कोई प्रस्ताव विद्वत परिषद् के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुत हुआ है।
 इसके अलावा विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इस विषय पर इस प्रेस विज्ञप्ति से पूर्व कोई भी आधिकारिक सूचना जारी नहीं की गई है। नीता अम्बानी को बीएचयू का विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने के खबरों को लेकर विश्वविद्यालय के छात्र भी लामबंद है।
 छात्रों ने कुलपति पर उद्योगपतियों के इशारे पर नीता को बीएचयू का विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने की खबरें आने के बाद विश्वविद्यालय के छात्रों ने विरोध शुरू कर दिया। छात्रों ने कुलपति पर बीएचयू को उद्योगपतियों के इशारे पर चलाने का आरोप लगा धरना प्रदर्शन भी किया था।

 


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