पूर्वोत्तर में जल्द हालात सामान्य नहीं हुए तो जटिल हो सकती है स्थिति

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ट्रेन सेवा बाधित होने से आवश्यक सामग्री और रिफाइनरियों के बंद होने का खतरा



गुवाहाटी, 16 दिसम्बर (हि.स.)। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर असम समेत पूर्वोत्तर में चल रहे आंदोलन का विपरीत असर ट्रेनों के परिचालन और स्थानीय रिफाइनरियों पर पड़ रहा है। यही हालात रहे तो जहां लोगों को जरूरी खाद्य वस्तुएं नहीं मिल पाएंगी, वहीं रिफाइनरियां भी बंदी के कगार पर पहुंच जाएंगी। यदि हालात जल्द सामान्य नहीं हुए तो स्थिति जटिल हो सकती है।

पूर्वोत्तर में हिंसक आंदोलन पर लगाम जरूर लग गई है, लेकिन तनाव अभी भी कायम है। खासकर असम में आंदोलन का दौर अभी भी जारी है। बड़ी समस्या यह है कि आंदोलनकारी ट्रेनों को बीच-बीच में रोककर आगजनी के अलावा ट्रैक को बाधित कर रहे हैं। इसके चलते जहां यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही है, वहीं आवश्यक खाने-पीने की सामग्रियों के नहीं पहुंचने से समस्या उत्पन्न हो रही है।

उल्लेखनीय है कि पूर्वोत्तर में सभी खाद्य सामग्री देश के अन्य हिस्सों से आती हैं। इन दिनों प्याज, आलू समेत अन्य जरूरी सामानों के दाम असम समेत पूरे पूर्वोत्तर में वैसे ही बढ़े हुए हैं, ऐसे में ट्रनों के परिचालन बंद होने से हालात और बदतर हो जाएंगे।

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के जनसंपर्क विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया कि गुवाहाटी या असम के अन्य हिस्सों से दक्षिण भारत की ओर जाने वाली सभी गाड़ियों को फिलहाल बंद कर दिया गया है। पूर्व रेलवे में सीएए को लेकर हो रहे उग्र प्रदर्शन के कारण पश्चिम बंगाल होकर ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह से ठप है। कई स्टेशनों पर उपद्रियों ने तोड़फोड़ करने के साथ कुछ ट्रेनों में आगजनी की है, जिसके बाद यह निर्णय किया है।

इसके अलावा ऊपरी असम या अरुणाचल के नाहरलगुन की ओर जाने वाली ट्रेनों का भी परिचालन बंद है। त्रिपुरा में आंदोलन वापस लिए जाने के बाद से अगरतला से असम के सिलचर तक पैसेंजर ट्रेनों की सेवा बहाल है। हालांकि, सिलचर से गुवाहाटी के बीच ट्रेनों की आवाजाही बंद है।

बिहार के कटिहार होकर गुवाहाटी से लंबी दूरी की ट्रेनों को चलाया जा रहा है।  इस बीच सोमवार को पटना के हिस्से में भी रेलवे ट्रैक पर आंदोलन किए जाने की सूचना है। अगर ऐसा रहा तो समूचा पूर्वोत्तर ट्रेन सेवा से पूरी तरह से कट जाएगा। ऐसी स्थिति में पूर्वोत्तर में खाद्य सामग्री, दवाइयों के अलावा अन्य जरूरी सामानों की किल्लत उत्पन्न हो सकती है।

दूसरी बड़ी समस्या असम में मौजूद तेल रिफाइनरियों के सामने उत्पन्न हो सकती है। बताया गया है कि असम की तेल रिफाइनरियां इंपोर्टेड क्रूड आयल से चलती हैं। यहां की रिफाइनरियों के लिए 60 से 70 फीसदी क्रूड आयल पश्चिम बंगाल के हल्दिया बंदरगाह से ट्रेन के जरिए लाया जाता है। अगर मालगाड़ियां नहीं चलती हैं तो पूर्वोत्तर के सभी रिफाइनरियां बंदी के कगार पर पहुंच जाएंगी। रिफाइनरियों के बंद होने से तेल उत्पादन पर भी बहुत बड़ा असर पड़ेगा।

 


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