महाराष्ट्र में सरकार बचाने और गिराने को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज

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भाजपा का दावा- विधानसभा में आसानी से साबित करेंगे बहुमत अजीत बोले- एनसीपी में हूं और रहूंगा, पवार ही हमारे नेता शरद पवार बोले- अपने बयानों से सिर्फ भ्रमित कर रहे अजीत



मुंबई, 24 नवम्बर (हि.स.)। महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार को बचाने और गिराने को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गयी है। भाजपा ने दावा किया है कि उसके पास 180 विधायकों का समर्थन है। फडणवीस सरकार विधानसभा में आसानी से विश्वासमत हासिल कर लेगी। उधर उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के करीब 34 घंटे बाद अजीत पवार ने रविवार को चुप्पी तोड़ी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वह एनसीपी में हैं और रहेंगे, शरद पवार ही उनके नेता हैं। अजीत पवार के इस ट्वीट का शरद पवार ने भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अजीत पवार अपने बयानों से सिर्फ भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। एनसीपी के भाजपा के साथ जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता। हम शिवसेना के साथ मिलकर ही सरकार बनाएंगे। इस निर्णय में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं हुआ है।
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने रविवार को 55 मिनट में एक के बाद एक 24 ट्वीट किये। उन्होंने कहा कि भाजपा-एनसीपी गठबंधन राज्य में अगले पांच वर्षों के लिए स्थायी सरकार देगा। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्रियों नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण एवं डॉ. हर्षवर्धन और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के प्रति आभार व्यक्त किया है। अजीत पवार ने अन्य ट्वीट में लिखा, “चिंता करने की जरूरत नहीं है, सब कुछ ठीक है, बस थोड़ा धैर्य रखने की आवश्यकता है। आप सभी के समर्थन के लिए धन्यवाद।”
अजीत पवार का पलटवार करते हुए एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने ट्विटर पर कहा कि हमने सूबे में शिवसेना व कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने का निर्णय ले लिया है। एनसीपी किसी भी कीमत पर भाजपा के साथ सरकार नहीं बनाएगी।
मलिक का दावा- जल्द ही लौट आएंगे अजीत पवार
एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि अजीत पवार ने जो कुछ भी ट्वीट किया है, उससे स्पष्ट हो जाता है कि वह बहुत जल्द ही एनसीपी में लौट आएंगे। ट्वीट में जिस तरीके से अजीत पवार ने शरद पवार के प्रति आस्था जतायी है, इसके बाद उन्हें अपनी गलती का अहसास हो गया है।
मलिक ने कहा कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का किस तरह का निर्णय आता है, उसके बाद शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस अपनी अगली रणनीति तय करेंगी। उन्होंने दावा किया कि विधानसभा में भाजपा सरकार विश्वासमत हासिल नहीं कर पाएगी।
एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक दल के नेता जयंत पाटील ने अजीत पवार को ट्वीट कर पार्टी में लौटने की अपील की। जयंत पाटील ने कहा कि अजीत पवार एनसीपी के संस्थापक सदस्य हैं, इसलिए उन्हें वापस पार्टी में लौट आना चाहिए। शरद पवार की सांसद बेटी सुप्रिया सुले ने भी इसी तरह का ट्वीट किया है।
अजीत पवार के ट्वीट के बाद भाजपा सांसद संजय काकड़े, सांसद संजय काका पाटील, निर्दलीय विधायक विनय कोरे, एनसीपी प्रवक्ता उपेंद्र पाटील, विधायक निरंजन डावखरे आदि नेता उनसे अलग-अलग मिलने गए थे। हालांकि इन नेताओं की अजीत से हुई बातचीत का ब्योरा नहीं मिल सका है। अजीत पवार ने कहा कि वह सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखेंगे।
होटल में विधायकों से मिले पवार और उद्धव
शरद पवार और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने होटल ललित और होटल रेनेसॉ में जाकर विधायकों से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने पार्टी के विधायकों को आश्वासन दिया है कि बहुत जल्द सूबे में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन की सरकार गठित होगी। होटल रेनेसॉ में विधायकों से सिविल ड्रेस में मिलने आये दो पुलिसकर्मियों को एनसीपी विधायक जीतेंद्र आव्हाड ने पकड़ा और उन्हें बाद में छोड़ दिया गया। इसी तरह होटल ललित में ठहरे शिवसेना विधायकों को अन्य होटल में शिफ्ट कर दिया गया है। कांग्रेस के विधायक जुहू स्थित होटल जेडब्ल्यू मेरियट में ठहरे हुए हैं। तीनों दलों के विधायकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी शिवसैनिक मुस्तैदी से निभा रहे हैं।
शिवसेना ने जनादेश का अपमान किया, इसलिए सरकार का गठन : भाजपा
भाजपा ने मुंबई स्थित प्रदेश कार्यालय में पार्टी विधायकों के साथ बैठक की। बैठक में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, राज्य के चुनाव प्रभारी एवं राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव सहित कई प्रमुख नेता मौजूद थे। पार्टी नेता आशीष शेलार ने कहा कि राज्य की जनता ने भाजपा-नीत गठबंधन को सरकार बनाने का जनादेश दिया था, लेकिन शिवसेना ने इसका अनादर किया। शिवसेना के इस रवैये के कारण भाजपा ने एनसीपी के साथ मिलकर सरकार का गठन किया है। उन्होंने कहा कि फडणवीस सरकार विधानसभा में बहुमत साबित करेगी। भाजपा-नीत सरकार को 180 विधायकों का समर्थन है।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि ऑपरेशन लोटस को सफल बनाने के लिए पूर्व मंत्री बबनराव पाचपुते, राधाकृष्ण विखे-पाटील और नारायण राणे को जिम्मेदारी दी गई। इसलिए पूरा विश्वास है कि ऑपरेशन लोटस सफल रहेगा। उन्होंने दावा किया कि भाजपा को बहुमत साबित करने में किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होगी।

 


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