नक्सलियों के शहरी नेटवर्क के मामले में आरोपित वरुण जैन गिरफ्तार
रायपुर, 3 जुलाई (हि.स.)। नक्सलियों के शहरी नेटवर्क के मामले में फरार चल रहे आरोपी वरुण जैन को राजनांदगांव पुलिस ने गिरफ्तार कर कांकेर पुलिस को सौंप दिया है। पुलिस देर रात वरुण को लेकर कांकेर पहुंची है। नक्सलियों के शहरी नेटवर्क के मामले में अब तक कांकेर पुलिस के शिंकजे में 14 आरोपित आ चुके है। 13 आरोपित पहले ही पकड़े जा चुके थे, जबकि वरुण जैन काफी समय से फरार था। जिस पर कांकेर पुलिस ने 10 हजार का इनाम भी घोषित कर रखा था। बता दें कि वरुण जैन का भाई निशांत जैन पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
पुलिस अधीक्षक एमआर अहिरे ने बताया कि वरुण जैन 2002 में गुड़गांव से तोमर कंस्ट्रक्शन कम्पनी को मिले सड़क निर्माण कार्य को करने राजनांदगांव आया था। इसके बाद अपने बड़े भाई निशांत जैन के साथ 2006 मे लैंडमार्क कंपनी बनाया। इसके बाद में 2013-14 में लैंडमार्क रायल इंजीनियरिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी बनाया।जिसके वर्तमान में डायरेक्टर वरुण एवं रिचा जैन है।
जिले के अंदरूनी क्षेत्र कोयलीबेड़ा, आमाबेड़ा, सिकसोड, रावघाट, टाडोकी में पीएमजेएसवाय के अंतर्गत 25 सड़क निर्माण में कंपनी रॉयल के डायरेक्टर वरुण के द्वारा 2 से 3 वर्ष में ही ठेका लेकर अपने अधीनस्थ लोगों के माध्यम से सीधे तौर पर सड़क निर्माण के नाम पर नक्सलियों को जूता, वर्दी कपड़ा, वायरलेस सेट, दवाई, बिजली तार, नगदी रकम राजनादगांव एवं अन्य शहरों से आरोपित मुकेश सलाम एवं राजेन्द्र सलाम के माध्यम से नक्सलियों को दे रहा था।
पुलिस अधीक्षक एमआर अहिरे ने बताया कि वरुण जैन 2002 में गुड़गांव से तोमर कंस्ट्रक्शन कम्पनी को मिले सड़क निर्माण कार्य को करने राजनांदगांव आया था। इसके बाद अपने बड़े भाई निशांत जैन के साथ 2006 मे लैंडमार्क कंपनी बनाया। इसके बाद में 2013-14 में लैंडमार्क रायल इंजीनियरिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी बनाया।जिसके वर्तमान में डायरेक्टर वरुण एवं रिचा जैन है।
जिले के अंदरूनी क्षेत्र कोयलीबेड़ा, आमाबेड़ा, सिकसोड, रावघाट, टाडोकी में पीएमजेएसवाय के अंतर्गत 25 सड़क निर्माण में कंपनी रॉयल के डायरेक्टर वरुण के द्वारा 2 से 3 वर्ष में ही ठेका लेकर अपने अधीनस्थ लोगों के माध्यम से सीधे तौर पर सड़क निर्माण के नाम पर नक्सलियों को जूता, वर्दी कपड़ा, वायरलेस सेट, दवाई, बिजली तार, नगदी रकम राजनादगांव एवं अन्य शहरों से आरोपित मुकेश सलाम एवं राजेन्द्र सलाम के माध्यम से नक्सलियों को दे रहा था।