नवाज शरीफ “फरार” घोषित

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इस्लामाबाद, 26 फरवरी (हि.स.)। पाकिस्तान सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की जमानत को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर गठित एक बोर्ड के सामने अपनी मेडिकल रिपोर्ट पेश नहीं करने पर उन्हें जमानत की शर्तों का उल्लंघन करने के लिए “फरार” घोषित किया गया है। प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में संघीय कैबिनेट की बैठक में कई अन्य निर्णय लिए गए।

कैबिनेट मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री की विशेष सूचना सहायक डॉ. फिरदौस आशिक एवान ने पत्रकार सम्मेलन में कहा कि लंदन के किसी भी अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट पेश करने में विफल रहने के बाद सरकार ने नवाज़ शरीफ को फरार घोषित कर दिया है।  मेडिकल बोर्ड ने उनके द्वारा भेजे गए एकमात्र मेडिकल सर्टिफिकेट को खारिज कर दिया था। आज से नवाज शरीफ कानून के अनुसार एक फरार हैं और अगर वह देश नहीं लौटते हैं, तो उन्हें एक फरार अपराधी घोषित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने शरीफ को कई पत्र लिखे थे। जिसमें स्व-निर्वासित पूर्व प्रधानमंत्री से लंदन के किसी भी अस्पताल से अपनी मेडिकल रिपोर्ट पेश करने को कहा गया था। लेकिन वह ऐसा करने में विफल रहे। शरीफ ने केवल एक प्रमाण पत्र भेजा जिसे मेडिकल बोर्ड ने खारिज कर दिया था।

पाकिस्तान मुस्लिम लीग (पीएमएल-एन) के सुप्रीमो को भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी ठहराया गया था। इस्लामाबाद हाइकोर्ट ने उन्हें पिछले साल 29 अक्टूबर को चिकित्सा आधार पर आठ सप्ताह के लिए जमानत दी थी। वह चिकित्सा के लिए 19 नवंबर, 2019 को लंदन चले गए। उनके छोटे भाई और नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शाहबाज़ शरीफ भी उनके साथ लंदन में हैं।

उन्होंने यह नहीं बताया कि शरीफ को कानूनी रूप से कैसे फरार घोषित किया जा सकता है।यह माना जा रहा है कि पंजाब सरकार मेडिकल बोर्ड के फैसले की जानकारी इस्लामाबाद हाइकोर्ट को देगी। यह अदालत को तय करना होगा कि शरीफ को एक घोषित फरार अपराधी किया जाए या नहीं।

डॉ. एवान ने कहा कि विपक्षी नेता के कार्यालय को भी शाहबाज शरीफ का इंतजार है। जो बिना किसी कारण के लंदन में रह रहे हैं। वे मासिक वेतन पा रहे हैं और अन्य भत्तों और विशेषाधिकारों का आनंद ले रहे हैं। लेकिन अपने जरूरी कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहे हैं।

 


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