नौसेना ने श्रीलंका में फंसे 685 भारतीयों को स्वदेश पहुंचाया

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तूतीकोरिन बंदरगाह पहुंचने पर आईएनएस ​जलाश्व ​का ​नौसेना के जहाजों ने स्वागत किया 



नई दिल्ली, ​0​2​ जून ​(हि.स.)। ​​ऑपरेशन ‘समुद्र सेतु’ के तहत भारतीय नौसेना का जहाज ​​आईएनएस ​जलाश्व मंगलवार को ​सुबह 11 बजे के करीब श्रीलंका की राजधानी ​कोलम्बो से ​685 ​​भारतीयों को लेकर​ तमिलनाडु के ​​​तूतीकोरिन बंदरगाह पर पहुंच गया। बंदरगाह पर पहुंचने से पहले ​​आईएनएस ​जलाश्व का ​​नौसेना के जहाजों ने स्वागत किया और फ्लीट में शामिल होकर तूतीकोरिन हार्बर में प्रवेश ​करा​या​​
 
भारत सरकार ​के ‘मिशन वंदे भारत​’​ के तत्वावधान में भारतीय नौसेना ​ने ‘ऑपरेशन समुद्र सेतु​’ शुरू किया था, जिसका यह तीसरा चरण है। ​​इसके पहले के दो चरणों में मालदीव से 1488 भारतीय नागरिकों ​की समुद्री मार्ग से ​’​घर ​वापसी’ की जा चुकी है।आईएनएस ​जलाश्व ​सोमवार ​सुबह कोलंबो के बंदरगाह ​पर पहुंचा था। ​दोपहर बाद उन भारतीय नागरिकों को ईस्ट कंटेनर टर्मिनल पर​​ ​​निकालने का काम शुरू किया गया जो पहले से ही कोलंबो ​स्थित भारतीय दूतावास ​में पंजीकृत थे।सभी ​यात्रियों के स्वास्थ्य की जांच​ की गई। ​​जहाज पर चढ़ने से पहले आईडी और उनका सामान आवंटित किया गया​​। कोलंबो, श्रीलंका ​से सोमवार की शाम को 685 भारतीय नागरिकों ​को लेकर आईएनएस ​जलाश्व तमिलनाडु में ​​​​​​तूतीकोरिन बंदरगाह के लिए​ रवाना हुआ था
तूतीकोरिन बंदरगाह​ पर ​मंगलवार को सुबह जिन 685 ​भारतीयों को ​वापस लाया गया है, उनमें 553 पुरुष, 125 महिलाएं और सात बच्चे शामिल हैं। ​संगरोध का पालन कराने के ​लिए ​यात्रियों को जहाज पर विशेष रूप से चिन्हित क्षेत्रों ​में बिठाया गया। जहाज के चालक दल ​ने भी सामाजिक दूरी, कीटाणुशोधन और सुरक्षा प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया।​​ तूतीकोरिन बंदरगा​ह पर जब आईएनएस ​जलाश्व ने अवरोहण किया तो सबसे पहले महिलाओं को क्रूज से बाहर आने दिया गया​​। ​एक बुजुर्ग को बीमार हालत में व्हील चेयर से जहाज से बाहर लाया गया​​​ पोर्ट ट्रस्ट की तरफ से टर्मिनल पर एम्बुलेंस की भी व्यवस्था की गई थी ताकि जरूरत पड़ने पर किसी भी यात्रियों को चिकित्सा सुविधा दी जा सके​​​ बंदरगाह से बाहर आने के बाद बसों से सभी यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया
 

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