चंडीगढ़,14 जुलाई (हि.स.)। विवादों में घिरे पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सिद्धू ने रविवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दें। सिद्धू ने मंत्री पद से इस्तीफा 10 जून को दिया था पर सार्वजनिक रविवार को किया है। सिद्धू ने अपना इस्तीफा पंजाब के मुख्यमंत्री या राज्यपाल के बजाए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भेजा है। सत्तारूढ़ कांग्रेस और विरोधी दल सिद्धू के इस कदम को दबाव की राजनीति मानकर चल रहे हैं।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच लंबे समय से छत्तीस का आंकड़ा चल रहा है। कभी केबल माफिया तो कभी अकाली नेताओं के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सिद्धू कैप्टन अमरिंदर सिंह से भिड़ते रहे हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह कहकर इस विवाद को सार्वजनिक कर दिया था कि नवजोत सिंह सिद्धू मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। इसके बाद नवजोत सिंह सिद्धू से मीडिया ने इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने पूछ लिया था कि कौन कैप्टन? मैं कैप्टन को नहीं जानता।
इसके बाद सिद्धू और अमरिंदर के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई और दोनों के बीच दूरियां बढ़ती चली गईं। इस बीच मुख्यमंत्री ने मंत्रियों के विभागों में फेरबदल करते हुए नवजोत सिंह सिद्धू से स्थानीय निकाय विभाग वापस लेकर बिजली मंत्रालय का प्रभार सौंप दिया था। फेरबदल के बाद सभी मंत्रियों ने अपना कार्यभार संभाल लिया लेकिन सिद्धू अज्ञातवास में चले गए। इस बीच सिद्धू का इंतजार करने के बाद धान के सीजन के चलते खुद मुख्यमंत्री ने बिजली मंत्री का कार्यभार संभालते हुए विभागीय अधिकारियों की बैठक भी ली। करीब चालीस दिन तक सिद्धू बगैर किसी विभाग के कैबिनेट मंत्री रहे। नाटकीय घटनाक्रम में हुए इस इस्तीफे के बाद सिद्धू का मीडिया में कोई बयान नहीं आया है।