हाई-वोल्टेज नौसैन्य युद्धाभ्यास मालाबार बंगाल की खाड़ी में 12 से शुरू होगा

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चीन को परेशान करने वाले इस अभ्यास का पहला चरण अगस्त में हुआ था पूरा

 दूसरे चरण में अमेरिकी जहाज कार्ल विंसन 90 लड़ाकू विमानों के साथ आएगा

 क्वाड देशों के युद्धपोत, लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर अभ्यास में लेंगे हिस्सा



नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (हि.स.)। चीन को परेशान करने वाला क्वाड देशों के बीच मालाबार नौसैन्य अभ्यास का दूसरा चरण 12 अक्टूबर से बंगाल की खाड़ी में शुरू होगा। चार दिन तक चलने वाले इस हाई-वोल्टेज नौसैन्य युद्धाभ्यास में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के युद्धपोत, लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर देखने को मिलेंगे। इस अभ्यास का पहला चरण अगस्त के अंत में पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में गुआम में हुआ था। पहले चरण के मुकाबले यह अभ्यास बड़ा होगा, जिसमें अमेरिका भी एक लाख टन से अधिक वजनी निमित्ज़ श्रेणी का सुपर एयरक्राफ्ट कैरियर तैनात करेगा। यूएसएस कार्ल विंसन इस बार अपने 90 लड़ाकू विमानों के साथ आएगा।

इंडो-पैसिफिक में आक्रामक और विस्तारवादी चीन के लिए रणनीतिक चुनौती बने मालाबार नौसैन्य अभ्यास के दो चरणों के बीच कई सैन्य और गैर-सैन्य समझौते भी हुए हैं। सबसे पहले अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के बीच नए त्रिपक्षीय ओकुस (एयूकेयूएस) सैन्य समझौते की घोषणा 15 सितंबर को की गई थी, जिसके तहत ऑस्ट्रेलिया धीरे-धीरे पारंपरिक हथियारों और अन्य लड़ाकू क्षमताओं के साथ कम से कम आठ परमाणु-संचालित पनडुब्बियों का अधिग्रहण करेगा ताकि भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते नौसैनिक दबदबे का मुकाबला किया जा सके।

इसके बाद क्वाड समूह के देशों का पहला इन-पर्सन शिखर सम्मेलन 24 सितंबर को व्हाइट हाउस में हुआ, जिसमें चीन को 5जी से लेकर सेमीकंडक्टर्स तक के उच्च-प्रौद्योगिकी क्षेत्र में कुछ नई पहलों के साथ मुकाबला करने के लिए नई पहल की गई। हालांकि ओकुस समझौते को लेकर इस बात की भी चिंता है कि यह समझौता अंततः इंडो-पैसिफिक में क्वाड की रणनीतिक ऊंचाई को कम न कर दे। टेलीफोनिक वार्ता में 20 सितम्बर को अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड जे ऑस्टिन ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को आश्वासन दिया है कि अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के बीच त्रिपक्षीय समझौता भारत के साथ द्विपक्षीय या चतुष्पक्षीय सहयोग से अलग नहीं होगा।

दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया अमेरिका यात्रा के बाद अब वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों की भारत यात्रा का सिलसिला तेज़ हो गया है। अमेरिकी विदेश विभाग में उप विदेश मंत्री वैंडी शरमन के बाद अब अमेरिका के नौसेना प्रमुख एडमिरल माइक गिल्डे अगले हफ्ते भारत आ रहे हैं। उन्होंने नई दिल्ली की अपनी यात्रा से पहले कहा कि भारत हमारे सबसे करीबी रणनीतिक साझेदारों में से एक है और हमारा संबंध एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत का गढ़ है। उन्होंने समावेशी, स्वतंत्र और खुले नियम-आधारित आदेश बनाने के लिए हिंद-प्रशांत में अमेरिकी नौसेनाओं को सहयोग देने के लिए भारत का आभार भी जताया।

मालाबार के दो चरणों के बीच भारत ने सितंबर में ऑस्ट्रेलिया के साथ ‘ऑसइंडेक्स’ और इस महीने की शुरुआत में जापान के साथ ‘जिमेक्स’ द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास किया, ताकि इंटरऑपरेबिलिटी को और बढ़ावा दिया जा सके। 30 सितम्बर को भारतीय नौसेना और रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए आपसी सहयोग को और बढ़ाने के उद्देश्य से बातचीत के लिए अपनी तरह के पहले समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। मालाबार का दूसरा चरण इस साल अपने 25वें संस्करण में है, जिसमें सतह-विरोधी, हवा-विरोधी और पनडुब्बी-रोधी अभ्यास शामिल हैं।


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