जद ( यू) अन्य राज्यों में भाजपा से अलग अकेले लड़ेगा विधान सभा चुनाव

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राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ( राजग) के प्रमुख घटक जनता दल ( यू ) ने चार राज्यों में होने वाला विधानसभा चुनाव भाजपा से अलग अकेले लड़ने का निर्णय लिया है । अरुणाचल प्रदेश में पार्टी की जीत से उत्साहित जनता दल (यू) चार राज्यों के अलावा देश के सभी राज्यों के विधान सभा चुनाव में अकेले ही मैदान में उतरेगा ।



पटना, 9 जून ( हि.स.)।राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ( राजग) के प्रमुख घटक जनता दल ( यू ) ने चार राज्यों में होने वाला विधानसभा चुनाव भाजपा से अलग अकेले लड़ने का निर्णय लिया है । अरुणाचल प्रदेश में पार्टी की जीत से उत्साहित जनता दल (यू) चार राज्यों के अलावा देश के सभी राज्यों के विधान सभा चुनाव में अकेले ही मैदान में उतरेगा । जनता दल ( यू ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार की अध्‍यक्षता में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की उनके सरकारी आवास एक अणे मार्ग में रविवार को हुई बैठक में  सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया। अन्य राज्यों में होने वाले विधान सभा का चुनाव अकेले लड़ने का निर्णय लेते हुए जदयू ने स्पष्ट किया कि भाजपा के साथ जद ( यू ) का गठबंधन लोकसभा चुनाव और राज्यों में केवल बिहार के लिए  है।कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से झारखंड, हरियाणा ,दिल्ली और जम्मू कश्मीर का विधान सभा चुनाव भाजपा से अलग लड़ने के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगाई।

  पार्टी सूत्रों के अनुसार कार्यकारिणी की बैठक को सम्बोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि घटक दलों की एकजुटता से ही राजग को लोकसभा के चुनाव में जबरदस्त जीत हासिल हुई। बैठक में संगठन को मजबूत करने, पार्टी का देश के दूसरे राज्यों में भी विस्तार करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में जदयू के शामिल नहीं होने को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। इस बीच बिहार के संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि जिन चार राज्यों में चुनाव होने हैं वहां अकेले लड़ने के साथ- साथ जद ( यू ) पश्चिम बंगाल समेत अन्य सभी राज्यों में भी विधान सभा का चुनाव लड़ेगा । उन्होंने कहा कि पार्टी की हवा पर दो – चार सीटें जीती जा सकती हैं किन्तु हवा का रुख मोड़ने के लिए पार्टी काम कर रही है। पश्चिम बंगाल के सन्दर्भ में उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के पार्टी अध्यक्ष अशोक दास सम्पूर्ण राज्य में लोगों को जोड़ रहे हैं और विगत आठ दस महीने में वहां भी जनता दल (यू ) का प्रभाव बढ़ा है.। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में चुनाव लड़ने की योजना पर कार्यकारिणी में विस्तार से चर्चा हुई और निकट भविष्य में जहाँ चुनाव होने हैं वहां अधिक ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कार्यकारिणी की बैठक में यह मन बनाया गया कि सभी राज्यों में पार्टी अकेले  दम पर ही चुनाव लड़ेगी । इसके लिए हर राज्य में पार्टी का संगठनात्मक स्वरुप तैयार किया जा रहा है। बैठक के बाद बिहार के सूचना एवं प्रसारण मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में 15 सीटों पर जद (यू) ने चुनाव लड़ा जिसमें से 7 पर जीत हासिल हुई । इसको देखते हुए अन्य राज्यों के पार्टी अध्यक्षों को भी अपने – अपने राज्य की जिम्मेवारी दी गई है।उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में संगठन के विस्तार के लिए सम्बन्धित राज्यों के पार्टी अध्यक्षों और प्रभारियों के साथ अलग से बैठक कर रणनीति तैयार की गई। जद ( यू ) को राजग का अटूट हिस्सा बताते हुए उन्होंने कहा कि जल्द ही शुरू होने वाले संसद के सत्र में पार्टी के सांसदों की भूमिका पर भी विस्तार से चर्चा हुई।
   बाद में जद ( यू ) कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के मुख्य महासचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता के सी त्यागी ने राजग में जद ( यू ) को लेकर विगत कई दिनों से विभिन्न मुद्दों पर जारी गलतफहमियों को दूर करने की कोशिश की। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह पहला मौक़ा नहीं है जब जद (यू) भाजपा के नेतृत्व में केंद्र में बनी राजग सरकार का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा कि जुलाई 2017 में महागठबंधन से अलग हो कर बिहार में भाजपा के साथ जद (यू) ने जब सरकार बनायी तो उस समय भी जद(यू) को केन्द्रीय मंत्रिमंडल में भाजपा ने शामिल नहीं किया था जबकि बिहार में नीतीश कुमार की सरकार में भाजपा को उसकी ताकत के अनुपात में मंत्रिमंडल में जगह दी गई थी। लोजपा का एक भी विधायक नहीं होने के बावजूद नीतीश कुमार ने लोजपा से पशुपति कुमार पारस को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया था। मोदी सरकार के गठन के समय के घटनाक्रम की चर्चा करते हुए के सी त्यागी ने सभी अटकलों तथा गलतफहमियों पर विराम लगाया और कहा कि जद ( यू) की तरफ से मोदी सरकार के गठन के समय कोई भी नाम मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए नहीं भेजा गया था । पार्टी के सांसद आर सी पी , ललन सिंह , संजय झा के नामों के लेकर उस समय चल रही चर्चा को पूरी तरह निराधार बताते हुए उन्होंने कहा कि किसी का भी नाम भेजने की नौबत ही नहीं आई । भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के सभी घटक दलों के कैबिनेट में सांकेतिक साझेदारी की बात को नीतीश कुमार ने बड़ी ही विनम्रता से नकार दिया था। बाद में भाजपा के बिहार मामलों के प्रभारी के साथ बातचीत में भी नीतीश कुमार ने सांकेतिक साझेदारी से इनकार किया था और शपथ ग्रहण के दिन अमित शाह से फोन पर बातचीत में भी नीतीश कुमार ने यही रुख अपनाया था।के सी त्यागी ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार ने साफ़ किया कि जद ( यू ) आज भी राजग के साथ है और सरकार को बाहर से समर्थन दे रहा है , उसका हिस्सा नहीं है।. राजग में जद ( यू ) को लेकर गलतफहमियों पर विराम लगाते हुए के सी त्यागी ने महागठबंधन के नेताओं को “पल्टू” नेता कह कर सम्बोधित करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के पूरे प्रचार के दौरान राजद के तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को “ पल्टू चाचा” कह कर सम्बोधित किया जबकि आज राजद नेता राबड़ी देवी , रघुवंश प्रसाद सिंह , शिवानद तिवारी, हम के जीतन राम मांझी महागठबंधन में शामिल होने का नीतीश कुमार को निमंत्रण दे कर खुद ही पल्टू नेता बन गए हैं। के सी त्यागी ने कहा कि जद ( यू) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पार्टी के चुनाव का कैलेंडर तय किया गया और अनिल हेगड़े को पार्टी का मुख्य निर्वाचन अधिकारी बनाया गया। उन्होंने कहा कि 19 – 20 अक्टूबर को होने वाले पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा।
   के सी त्यागी ने कहा कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ जदयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के काम करने को लेकर बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई। उन्होंने कहा, ”पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार पहले ही सारी बातें स्पष्ट कर चुके हैं। इसके बाद इस मामले पर चर्चा करने का सवाल नहीं उठता। इससे पहले पार्टी का सदस्यता अभियान शुरू करते हुए नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा था कि राजनीतिक रणनीति बनाने वाली जद ( यू ) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर की एक कंपनी से जदयू से कोई लेना-देना नहीं है ।.उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से गुरुवार को प्रशांत किशोर  की मुलाकात हुई थी जिसमें यह तय हुआ कि प्रशांत किशोर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के लिए रणनीति बनाएंगे। हाल ही में हुए आंध्र के विधानसभा चुनाव में वाईएसआर की चुनावी रणनीति प्रशांत किशोर ने ही तैयार की थी। जगन मोहन रेड्डी ने तेलगु देशम पार्टी (तेदेपा) के चंद्रबाबू नायडू को हराया और मुख्यमंत्री बने। इससे पहले प्रशांत किशोर 2014 में भाजपा और 2017 में कांग्रेस के लिए भी चुनावी रणनीति बना चुके हैं. नीतीश कुमार की अध्‍यक्षता में हुई जद ( यू ) कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी के राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष प्रशांत किशोर , प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, के सी त्यागी , आर सी पी , ललन सिंह, संजय झा , विजेंद्र यादव , श्याम रजक समेत पार्टी की कार्यकारिणी के पदाधिकारी गण ,सदस्य और विभिन्‍न प्रदेशों के अध्‍यक्ष तथा बिहार के विभिन्‍न जिलों के जदयू अध्यक्ष शामिल हुए ।

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