टोक्यो ओलंपिक रद्द होने से पहलवान नरसिंह के करियर को मिली संजीवनी, अगले साल इस महाकुंभ में ले सकते हैं हिस्सा
नई दिल्ली, 27 मार्च (हि.स.)। कहना गलत नहीं होगा कि भाग्य बहादुरों का साथ देता है। वरना जाने माने पहलवान नरसिंह यादव की वापसी के बारे में शायद ही किसी ने सोचा होगा। एक तरफ तो देश और दुनिया कोरोना महामारी से लड़ रहे हैं तो दूसरी तरफ यही महामारी नरसिंह के लिए अच्छी खबर बनी है। टोक्यो ओलंपिक 2020 स्थगित होने से नरसिंह पंचम यादव के करियर को संजीवनी मिल गई और डोप के कारण प्रतिबंध झेल रहे इस पहलवान को ओलंपिक में हिस्सा लेने का मौका मिल गया है।
भारतीय कुश्ती महासंघ ने कह दिया है कि वह अगर टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने की कोशिश करते हैं तो उन्हें रोका नहीं जाएगा। नरसिंह जुलाई अगस्त में ओलंपिक नहीं खेल सकते थे, लेकिन अब कोरोना वायरस के चलते ओलंपिक एक साल के लिए टल चुके हैं। ऐसे में वह 74 किलो वर्ग में दावा कर सकते हैं, जिसमें भारत ने कोटा हासिल नहीं किया है।
बता दें कि रियो ओलंपिक से पहले उसपर डोप दोषी पाए जाने पर चार साल का प्रतिबंध लगा था, जोकि जुलाई, 2020 में समाप्त हो रहा है। अर्थात अब वह ओलंपिक क्वालीफायर में उतरने का दावा पेश कर सकते हैं। वह सुशील और योगेश्वर के कद के पहलवान है।
ओलंपिक में मौका मिलने पर नरसिंह ने कहा कि वह काफी खुश हैं कि उन्हें अपने को साबित करने का एक और मौका मिल रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने ऊपर पूरा विश्वास था कि उन्हें अपने आपको साबित करने का मौका जरूर मिलेगा। उन्होंने कहा कि मेरा हमेशा से यह विश्वास था कि मैंने कुछ अलग नहीं किया है तो मेरे साथ कुछ गलत नहीं होगा।जीत सच की होती है।अब ईश्वर की कृपा से मुझे एक मौका और मिल सकता है।