कृषि मंत्री ने किसानों को लिखा पत्र, बताई कृषि कानूनों की खासियत

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कहा, कृषि कानूनों को लेकर कुछ लोग फैला रहे भ्रम



नई दिल्ली, 17 दिसम्बर (हि.स.)। कृषि कानूनों को लेकर 22 दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों के नाम केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को पत्र लिखा है। आठ पन्ने के पत्र में कृषि मंत्री ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानून की खासियत बताई है। उन्होंने कहा है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर लिखित गारंटी देने को तैयार है लेकिन कुछ लोग इस कानून को लेकर भ्रम फैला रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री तोमर ने पत्र में लिखा है कि “मैं लगातार आप (किसानों) के संपर्क में हूं। बीते दिन मेरी अनेक राज्यों के किसान संगठनों से बातचीत हुई है। कई किसान संगठनों ने इन कृषि सुधारों का स्वागत किया है। वे इससे बहुत खुश हैं, किसानों को एक नई उम्मीद जगी है। लेकिन इन कृषि सुधारों का कुछ किसान संगठनों में इन्हें लेकर एक भ्रम पैदा कर दिया गया है।”
तोमर ने लिखा है, “देश का कृषि मंत्री होने के नाते मेरा कर्तव्य है कि हर किसान का भ्रम दूर करूं, हर किसान की चिंता दूर करूं। मेरा दायित्व है कि सरकार और किसानों के बीच दिल्ली और आसपास के क्षेत्र में जो झूठ की दीवार बनाने की साजिश रची जा रही है, उसकी सच्चाई और सही वास्तुस्थिति आपके सामने रूखूं।”
उन्होंने कहा कि वो भी किसान परिवार से आते हैं। खेती की बारीकियां और खेती की चुनौतियां दोनों समझते हैं। उन्होंने कहा कि फसल कटने के बाद उसे बेचने के लिए हफ्तों का इंतजार भी देखा है। किसान परिवार की इसी पीड़ा को समझते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। किसानों की मांग है कि इन कानूनों को रद्द कर दिए जाए।किसानों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन कोई भी नतीजा नहीं निकल सका है। किसानों का यह आंदोलन चौथे हफ्ते में प्रवेश कर गया है और हजारों किसान सीमाओं पर जमे हुए हैं।

 


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