प्रसिद्ध भजन गायक नरेन्द्र चंचल का निधन
मशहूर भजन गायक नरेंद्र चंचल का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। शुक्रवार सुबह उन्होंने दिल्ली के अपोलो अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे। उनके निधन से मनोरंजन जगत में शोक की लहर हैं। गायक दलेर मेहंदी ने नरेंद्र चंचल के निधन पर सोशल मीडिया के जरिये शोक व्यक्त किया है। दलेर मेहंदी ने ट्वीट कर लिखा-”सबसे प्यारे और आइकॉनिक नरेंद्र चंचल जी के निधन की खबर सुनकर काफी दुखी हूं। उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहा हूं। उनके परिवार और फैंस को सांत्वनाएं।’
नरेंद्र चंचल ने अपनी गायकी की बदौलत दर्शकों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई थी। नवरात्रों में उनके द्वारा गाये भजन अक्सर हर जगह काफी शौक और पसंद से सुने व गाये जाते हैं। नरेंद्र चंचल ने न सिर्फ भजन बल्कि कई फिल्मी गीत भी गाये थे। लेकिन उनके द्वारा गाये भजनों को दर्शकों ने ज्यादा पसंद किया और उन्हें नवरात्रों की आवाज कहा जाने लगा। नरेंद्र चंचल ने साल 1973 में फिल्म ‘बॉबी’ के गीत ‘बेशक मंदिर मस्जिद तोड़ो’ से फिल्म इंडस्ट्री में अपने गायन की शुरुआत की। इस गाने को दर्शकों ने काफी पसंद किया। इसके बाद नरेंद्र चंचल ने मैं बेनाम हो गया (बेनाम), बाकी कुछ बचा तो महंगाई मार गई( रोटी कपड़ा और मकान), तूने मुझे बुलाया ( आशा), चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है (अवतार) जैसे कई सुपरहिट गीत गाये, जो आज भी दर्शकों की जुबान पर हैं। नरेंद्र चंचल का निधन कला क्षेत्र की एक अपूरणीय क्षति हैं।