कोलकाता, 30 अगस्त (हि.स.)। फर्जी कंपनी के अवैध कारोबार के लिए घूस लेकर मदद करने का आश्वासन देते नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में फंसे तृणमूल नेताओं के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) सितंबर महीने में ही चार्जशीट पेश कर देगी। जांच एजेंसी के सूत्रों ने शुक्रवार इसकी पुष्टि की है।
बताया गया कि इसके लिए सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। अभी तक जांच में सामने आए तथ्यों की रिपोर्ट तैयार की गई है, जिसे चार्जशीट में दाखिल किया जाएगा। खास बात यह है कि तृणमूल के 13 नेताओं मंत्रियों और एक आईपीएस अधिकारी के खिलाफ यह स्टिंग ऑपरेशन 2014 में किया गया था और 2016 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले इसे नारद न्यूज़ पोर्टल द्वारा जारी कर दिया गया था।
इस वीडियो के सामने आने के बाद राज्य की राजनीति में हड़कंप मच गया था। उस समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राइट हैंड मुकुल रॉय थे, जो वीडियो में नजर आए थे लेकिन फिलहाल वह भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं और इस मामले में सीबीआई जो चार्जशीट पेश करने जा रही है, उसमें उनका नाम नहीं रहेगा। इसे लेकर जांच एजेंसी की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि एजेंसी के अधिकारियों ने कहा है कि नारद स्टिंग के वीडियो में मुकुल रॉय नजर जरूर आए हैं लेकिन रुपये लेते हुए नहीं दिख रहे हैं। इसके अलावा अभी तक जितनी भी जांच हुई है, इस मामले में कहीं भी ऐसा साक्ष्य नहीं मिला है कि उन्होंने फर्जी कंपनी के सीईओ बनकर स्टिंग ऑपरेशन करने वाले नारद न्यूज़ पोर्टल के सीईओ मैथ्यू सैमुअल से किसी भी तरह से कोई रुपये लिये हैं। इसलिए उन्हें फिलहाल चार्जशीट में आरोपित नहीं बनाया गया है।
हालांकि मुकुल रॉय के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज है। उन्होंने मैथ्यू सैमुअल को आईपीएस एसएमएच मिर्जा के पास भेज दिया था और मिर्जा पांच लाख रुपये घूस लेते नजर आए थे। उन्होंने यहां तक कहा कि राज्य में किसे मंत्री बनाया जाएगा और किसे टिकट मिलेगा, यह वे तय करते हैं। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी धन शोधन की जांच कर रहा है, इसलिए ईडी की ओर से भी जल्द ही चार्जशीट पेश होने की संभावना है।
पता चला है कि तृणमूल के तीन सांसदों सौगत रॉय, काकोली घोष दस्तीदार और प्रसून बनर्जी का नाम चार्जशीट में आरोपित के तौर पर डालने की अनुमति के लिए जांच एजेंसी ने जो चिट्ठी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को लिखी है, उस पर जल्दी सहमति मिल सकती है। जैसे ही उनकी सहमति मिलेगी उसके बाद चार्जशीट दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। सितंबर महीने के आखिरी सप्ताह तक हर हाल में यह चार्जशीट पेश होगी।
उल्लेखनीय है कि इस मामले में सीबीआई ने 16 अप्रैल, 2017 को 13 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम 7 और 13 (दो) के तहत मामला दर्ज किया गया था। इनमें से तृणमूल के 5 सांसद (एक दिवंगत) हैं। इनमें काकोली घोष दस्तीदार, सौगत रॉय, प्रसून बनर्जी, अपरूपा पोद्दार और सुल्तान अहमद। हालांकि सुल्तान अहमद की मौत हो चुकी है। इन लोगों के अलावा कोलकाता के पूर्व मेयर और बेहला पूर्व से विधायक शोभन चटर्जी, वर्तमान मेयर फिरहाद हकीम, मंत्री सुब्रत मुखर्जी, मंत्री शुभेंदु अधिकारी, सुल्तान अहमद के भाई इकबाल अहमद, पूर्व मंत्री मदन मित्रा और मुकुल रॉय भी नामजद है। इनमें से मुकुल रॉय और शोभन चटर्जी फिलहाल भारतीय जनता पार्टी में हैं। राज्य के तीन मंत्रियों यानी सुब्रत मुखर्जी, शुभेंदु अधिकारी और फिरहाद हकीम को पहली चार्जशीट में ही आरोपित बनाया जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष को भी दी गई है चिट्ठी
इन मंत्रियों को चार्जशीट में आरोपित बनाने के लिए सीबीआई ने विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी को चिट्ठी भेजी है। हालांकि जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें अभी तक कोई चिट्ठी नहीं मिली है। सीबीआई के सूत्रों के हवाले से पहले और दूसरे सप्ताह के अंदर सभी आरोपितों के आवाज के नमूने लिये जाएंगे। शनिवार को शुभम चटर्जी और सोमवार को अपरूपा का बयान रिकॉर्ड कर लिया जाएगा।