हज के लिए 10 अक्टूबर से शुरू हो जाएगा ऑनलाइन आवेदन : नकवी

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हज यात्रा के लिए आवेदन 10 अक्टूबर से 10 नवम्बर, 2019 तक स्वीकार किए जाएंगे। सभी हज यात्रियों को ई-वीजा की सुविधा दी गई है।



नई दिल्ली, 04 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शुक्रवार को हज 2020 की घोषणा करते हुए कहा कि 10 अक्टूबर से हज के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, जो 10 नवम्बर तक चलेगी।

शुक्रवार को यहां डॉ अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में हज 2019 के पूरा होने एवं अगले हज के संदर्भ में तैयारियों हेतु समीक्षा बैठक में नकवी ने कहा कि इस बार हज प्रक्रिया शत प्रतिशत ऑनलाइन होगी। हज यात्रा के लिए आवेदन 10 अक्टूबर से 10 नवम्बर, 2019 तक स्वीकार किए जाएंगे। सभी हज यात्रियों को ई-वीजा की सुविधा दी गई है। मोबाइल ऐप के जरिए भी हज के लिए आवेदन किया जा सकता है।

इस समीक्षा बैठक में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सचिव शैलेश, अतिरिक्त सचिव एस.के. देव बर्मन, संयुक्त सचिव-हज जान-ए-आलम, सऊदी अरब में भारत के राजदूत औसफ सईद, हज कमिटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन शेख जिन्ना नबी, हज कमिटी के सीईओ एम.ए. खान, जेद्दाह में भारत के कौंसिल जनरल मोहम्मद नूर रहमान शेख के अलावा अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

नकवी ने कहा कि हज ग्रुप ऑर्गनाइजर (एचजीओ) के लिए पोर्टल पर आवेदन की प्रक्रिया 01 नवम्बर से शुरू होगी, जो 01 दिसंबर तक चलेगी। हज प्रक्रिया जल्द शुरू करने से भारत एवं सऊदी अरब में हज के इंतजाम बेहतर तरह से हो सकेंगे।

नकवी ने कहा कि जहां पिछले वर्ष देश भर में 21 इम्बार्केशन पॉइंट्स थे, वहीँ हज 2020 के लिए एक नए इम्बार्केशन पॉइंट्- विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश) शुरू किया जाएगा। इस प्रकार हज 2020 के लिए देशभर के 22 इम्बार्केशन पॉइंट्स के जरिए भारतीय मुसलमान हज यात्रा पर जाएंगे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हज 2019 कई मायनों में ऐतिहासिक एवं पिछले कई वर्षों में अब तक का सबसे सफल हज रहा। भारत के इतिहास में पहली बार रिकॉर्ड दो लाख भारतीय मुसलमानों ने 2019 में बिना किसी सब्सिडी के हज यात्रा की। यही नहीं, हज यात्रा पर लगने वाले 18 प्रतिशत जीएसटी को पांच प्रतिशत कर दिया गया, जिससे 2019 में हज यात्रियों को 113 करोड़ रुपये से ज्यादा की बचत हुई। उन्होंने कहा कि इसके अलावा अधिकांश इम्बार्केशन पॉइंट्स से हज यात्रा के लिए हवाई किराये में कमीं आयी। इसके अलावा मदीने में लिए गए आवास पिछले साल के मुकाबले लगभग 100 रियाल कम पर लिए गए, जिससे भारत के प्रत्येक हज यात्री को लगभग 3000 रुपये की बचत हुई।

नकवी ने कहा कि हज 2019 में देशभर के 21 हवाई अड्डों से 500 से ज्यादा फ्लाइटों के जरिए दो लाख भारतीय मुसलमान इस वर्ष हज पर गए, जिनमें लगभग 48 प्रतिशत महिलाएं शामिल थीं। बिना ‘मेहरम’ (पुरुष रिश्तेदार) के 2340 मुस्लिम महिलाएं भी हज पर गईं। 2019 में महिलाओं में पंजाब की 100 वर्ष की आयु की अत्तार बीबी सबसे उम्रदराज हज यात्री रही। वहीँ, बिहार के श्री सदरे आलम (उम्र 98 वर्ष) सबसे बुजुर्ग पुरुष हाजी रहे। हज 2020 में भी बिना ‘मेहरम’ हज यात्रा पर जाने वाली महिलाओं को लॉटरी सिस्टम से बाहर रखा गया है। उन्होंने कहा कि एक लाख 40 हजार हज यात्री हज कमिटी ऑफ इंडिया और 60 हजार हज यात्री हज ग्रुप ऑर्गनाइजर (एचजीओ) के जरिये हज 2019 पर गए। हज समूह आयोजक भी पहली बार 10 हजार हज यात्रियों को हज कमिटी ऑफ इंडिया के निर्धारित पैकेज पर ही ले गए।

अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा कि हज 2019 के लिए 2 लाख 67 हजार से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें लगभग 1 लाख 65 हजार आवेदन ऑनलाइन प्राप्त हुए। उन्होंने बताया कि सऊदी अरब द्वारा भारत का हज कोटा दो लाख किए जाने का नतीजा यह हुआ कि आजादी के बाद पहली बार 2019 में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, बिहार सहित देश के सभी बड़े प्रमुख राज्यों से सभी हज आवेदक हज यात्रा पर गए। सऊदी अरब द्वारा भारत का कोटा बढ़ाये जाने से उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, पंजाब, गोवा, मणिपुर, ओडिशा, पुडुचेरी, दादर एवं नागर हवेली, लक्षद्वीप, चंडीगढ़, दमन एवं दीव, हिमाचल प्रदेश, झारखण्ड, त्रिपुरा में वेटिंग लिस्ट क्लियर होने के कारण सभी आवेदकों को हज पर जाने का मौका मिला।

 


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