इस्लामाबाद, 04 जनवरी (हि.स.)। पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के लाहौर स्थित सिखों के पवित्र स्थल गुरुद्वारा ननकाना साहिब पर शुक्रवार को भीड़ ने पथराव किया। इस दौरान सिखों के खिलाफ नारेबाजी भी की गई। इस कारण भजन-कीर्तन का कार्यक्रम रद्द करना पड़ा। कई सिख श्रद्धालु वहां फंसे हुए हैं। हालात तनावपूर्ण हैं। इस घटना को लेकर सिख समुदाय में आक्रोश है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भीड़ की अगुवाई मोहम्मद हसन के परिवार ने की। हसन पर एक सिख लड़की का जबरन धर्मांतरण कराने का आरोप है। घटना के बाद भारी संख्या में पुलिस बल को इलाके में तैनात किया गया है लेकिन हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं।
इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें गुरुद्वारे के बाहर भीड़ दिख रही है। लोग सिखों के खिलाफ नारेबाजी और उन्हें शहर से भगाने की धमकी दे रहे हैं। प्रदर्शनकारी इस जगह का नाम बदलवाकर गुलाम-ए-मुस्तफा करने की धमकी दे रहे हैं। घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और कई पत्थरबाजों को गिरफ्तार किया है।
वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, “हम पाकिस्तान से मांग करते हैं कि वह तुरंत सिख समुदाय की सुरक्षा के लिए क़दम उठाए। भारत गुरुद्वारा ननकाना साहिब पर हुए हमले की निंदा करता है।”
भारतीय पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस मामले में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान से हस्तक्षेप की अपील की है। अमरिंदर ने ट्विटर पर लिखा, “मैं इमरान ख़ान से अपील करता हूं कि वह इस मामले में तुरंत दखल दें और वहां फंसे हुए श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकालने का प्रबंध करवाएं।”
दिल्ली शिरोमणि अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने घटना का वीडियो शेयर करते हुए इमरान खान से तुरंत मामले में कार्रवाई करने की मांग की। वहीं दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी ने शनिवार को दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास के बाहर प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
उल्लेखनीय है कि गुरुद्वारा ननकाना साहिब पाकिस्तान में है। मान्यता है कि इसी स्थान पर 1469 में सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक देव का जन्म हुआ था। इस जगह को पहले रायभोई की तलवंडी कहा जाता था लेकिन गुरु नानक के सम्मान में इस जगह का नाम बदल दिया गया।