बेनीवाल के एक के बाद एक नौ ट्वीट : केन्द्र, गहलोत सरकार और भाजपा की नीतियों पर उठाए सवाल
जयपुर, 26 जुलाई (हि.स.)। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने पेगासस जासूसी मामले में केन्द्र सरकार की नीयत पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि राजस्थान में गहलोत सरकार ने फोन टेप करवाए और अब भारत सरकार पर टेपिंग के आरोप लग रहे है। ऐसे में भारत सरकार यदि सही है तो इस प्रकरण की जांच विपक्ष की मंशा के अनुरूप स्वतंत्र एजेंसी से करवानी चाहिए। उन्होंने कहा कि फोन टेपिंग व अन्य माध्यमों से जासूसी करवाना संविधान प्रदत अधिकारों का हनन है। सरकार को मामले में जांच करवाने की जरुरत है। साथ ही किसानों की मंशा के अनुरूप 3 बिलों को भी वापस लेने की जरूरत है।
बेनीवाल ने सोमवार को एक के बाद एक 9 ट्वीट कर जासूसी मामले पर केन्द्र सरकार के साथ राजस्थान लोक सेवा आयोग की कार्यशैली और इस पर भाजपा नेताओं के स्टैण्ड को निशाने पर लिया। उन्होंने अपने पहले ट्वीट में लिखा कि आरपीएससी में व्याप्त भ्रष्टाचार से राजस्थान की साख विगत कई वर्षों से खराब हो रही है। हाल ही में एसीबी ने आरपीएससी के जिस कार्मिक को रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया, उसकी तह तक जांच की जाए तो वर्तमान अध्यक्ष की भूमिका भी सामने आ सकती है। दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि गहलोत सरकार जब संकट में आई तब भूपेंद्र यादव ने नेताओ के फोन टेप किये। गलत मुकदमे दर्ज किए। इस कारण उन्हें आरपीएससी के चैयरमैन के रूप में नियुक्ति मिल गई। आरपीएससी अध्यक्ष व सदस्यों के सम्पति की जांच व इस संस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच सीबाआई से करवानी चाहिए।
बेनीवाल यहीं नहीं रूके। उन्होंने लिखा कि राजस्थान की विधानसभा में जब रालोपा के विधायक परिवहन घोटाले की जांच की मांग कर रहे थे तब भाजपा के विधायक सदन से गायब हो गए या खामोश हो गए। आखिर परिवहन मंत्री के विरुद्ध उन्होंने क्यों आवाज नहीं उठाई। अब भाजपा के जिन नेताओं को आकस्मिक रूप से आरपीएससी में अनियमितता व भ्रष्टाचार नजर आने लगा, उनसे पूछना चाहता हूं कि जब परिवहन घोटाला हुआ और परिवहन मंत्री पर आरोप जगजाहिर हुए, तब वो खामोश क्यों हो गए? उन्होंने लिखा कि आरपीएससी के आधा दर्जन पूर्व अध्यक्षों के कार्यकाल की भी जांच होनी चाहिए, जिन्होंने अपने कार्यकाल में जमकर भ्रष्टाचार किया और वो जगजाहिर भी है।
बेनीवाल ने राजस्थान में चल रही मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने लिखा कि मैं यह बताना चाहता हूं कि मंत्रिमंडल विस्तार हो भी जाए तो उससे क्या हो जाएगा? राजस्थान सरकार का पूरा तंत्र विफल व नाकाम हो चुका है। सरकार को स्वास्थ्य, राजस्व व परिवहन सहित अन्य मंत्री जिन पर भ्रष्टाचार व अनियमितताओं के आरोप लगे उन्हें ड्रॉप करने की जरूरत है। बेनीवाल ने लिखा कि एक तरफ बीजेपी के नेता आरपीएससी के विरुद्ध बयान दे रहे है तो दूसरी तरफ भाजपा के नेता जो आरपीएससी के चेयरमैन भी रह चुके है वो आरपीएससी को सही बता रहे है। उन्हें यह भय लगने लग गया कि कहीं जांच हो गई तो आंच उनके कार्यकाल तक नहीं आ पहुंचे। भाजपा का भी अपने नेताओं पर ही कोई नियंत्रण नहीं है।