प्रधानमंत्री ने रायपुर में नेशनल इंस्टीट्यूट बायोटेक स्ट्रेस मैनेजमेंट के नये परिसर का किया लोकार्पण
रायपुर, 28 सितम्बर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को रायपुर में नेशनल इंस्टीट्यूट बायोटेक स्ट्रेस मैनेजमेंट के नये परिसर का लोकार्पण वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से किया। इस अवसर पर उन्होंने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से फसलों को बचाने तथा लाभकारी खेती के लिए छत्तीसगढ़ में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य में सुराजी गांव योजना के तहत गांव में निर्मित गौठानों में गोधन न्याय योजना के तहत गोबर की खरीदी और उससे जैविक खाद के साथ-साथ अब बिजली उत्पादन की राज्य सरकार की योजना को भी सराहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समय हमें किसानों को फसल आधारित लाभ से बाहर निकालकर वेल्यू एडिशन की ओर ले जाने की जरूरत है। उन्होंने मौसम की स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप फसल उत्पादन को बढ़ावा देने पर जोर दिया। छत्तीसगढ़ राज्य में लघु धान्य फसलों (मिलेट्स) को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू किए गए मिशन मिलेट को उन्होंने समय की जरूरत कहा। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर विशेष गुणों वाली 35 फसलों की किस्में भी राष्ट्र को समर्पित की।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नेशनल इंस्टीट्यूट बायोटेक स्ट्रेस मैनेजमेंट के नये परिसर के लोकार्पण कार्यक्रम में अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित सभी लोगों का अभिनंदन करते हुए कहा कि जलवायु सहिष्णुता तकनीकी एवं पद्धतियों के प्रचार-प्रसार के लिए केन्द्र सरकार द्वारा शुरू किए जा रहे जागरुकता अभियान में छत्तीसगढ़ की व्यापक भागीदारी होगी। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का विस्तार से उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। नरवा, गरवा, घुरूवा, बाड़ी के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षण एवं स्थानीय संसाधनों के बेहतर उपयोग से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। गोधन न्याय योजना और राजीव गांधी किसान न्याय योजना से खेती-किसानी को समृद्ध बनाने की पहल की गई है। राज्य में गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में गोबर की खरीदी कर उससे जैविक खाद का उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब गोबर से बिजली उत्पादन की शुरुआत 2 अक्टूबर से करने जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।