मुजफ्फरपुर शेल्टर होम : 8 लड़कियों को उनके माता-पिता को सौंपने का सुप्रीम आदेश

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सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को निर्देश दिया कि वो सभी रेप पीड़ितों को पीड़ित सहायता योजना से राशि निकालकर दें।



नई दिल्ली, 12 सितम्बर (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस की 44 पीड़ित लड़कियों में से 8 को उनके माता-पिता को सौंपने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की अनुशंसा पर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को निर्देश दिया कि वो सभी रेप पीड़ितों को पीड़ित सहायता योजना से राशि निकालकर दें।
पिछले 11 सितम्बर को टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज ने लड़कियों के पुनर्वास की सम्भावनाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट सौंपी थी। 18 जुलाई को सुप्रीम ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज को निर्देश दिया था कि वो शेल्टर होम की भुक्तभोगी सभी 44 लड़कियों के पुनर्वास की योजना तैयार करे। कोर्ट ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज को निर्देश दिया था कि वो इसके बारे में 4 हफ्ते में रिपोर्ट दाखिल करें। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सीबीआई को भी 4 हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।
तीन जून को कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि वो इस मामले की जांच तीन महीने में पूरी करे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि तीन महीने में बच्चियों की हत्या, अप्राकृतिक यौनाचार, शेल्टर होम में आने वाले बाहरी लोगों की भूमिका जैसे पहलुओं की जांच पूरी करें। कोर्ट ने सीबीआई से कहा था कि भारतीय दंड संहिता के तहत रेप के आरोपों, यौन शोषण की वीडियो रिकॉर्डिंग की भी जांच करें।
तीन मई को सुनवाई के दौरान सीबीआई ने हलफनामा दायर कर कहा था कि वह मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर और दूसरे आरोपितों द्वारा मारी गईं 11 बच्चियों के मामले की जांच कर रही है। सीबीआई ने कहा था कि उसे एक सह आरोपित की निशानदेही पर श्मशान घाट में हड्डियों का गट्ठर मिला है।

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