मुस्लिम संगठनों ने त्रिपुरा में मुस्लिम विरोधी हिंसा की उच्च स्तरीय जांच की मांग की

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 प्रेस क्लब में एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन कर त्रिपुरा के हालात से मीडिया को अवगत कराया



नई दिल्ली, 06 नवंबर (हि.स.)। देश के कई बड़े मुस्लिम संगठनों ने आज प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन कर त्रिपुरा में मुस्लिम विरोधी हिंसा की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिए जाने की मांग की है। संवाददाता सम्मेलन को ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुशावरत के अध्यक्ष नवेद हामिद, जमात-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष इंजीनियर सलीम अहमद, जमीयत अहले हदीस के मौलाना शीश तहमी, ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर परवेज मियां और शम्श तबरेज कासमी आदि ने संबोधित किया।

संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए नवेद हामिद ने कहा कि उनके नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने 31 अक्टूबर से 2 नवंबर तक त्रिपुरा का दौरा किया और वहां के हालात की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि त्रिपुरा में 19 अक्टूबर से 26 अक्टूबर तक मुसलमानों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं हुईं। इस मामले में पुलिस की भूमिका प्रभावी नहीं रही लेकिन स्थानीय लोगों ने मुसलमानों और उनके धार्मिक स्थलों को बचाने का अपने स्तर पर प्रयास किया। हिंसा करने वाले छोटे-छोटे ग्रुप में बाहर से आए हुए थे और स्थानीय लोग उन्हें पहचानने से इनकार कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों में अभी भी एक दूसरे की मदद करने का जज्बा है और वह एक साथ मिलजुल कर रह रहे हैं। उनका कहना है कि त्रिपुरा में होने वाली हिंसा बांग्लादेश में दुर्गा-पूजा के दौरान वहां पर हुई हिंदू विरोधी हिंसा की घटनाओं की प्रतिक्रिया के रूप में दर्शाई जा रही है। अगर ऐसा होता तो स्थानीय लोग इस हिंसा में शामिल होते लेकिन यह बताते हुए हमें खुशी हो रही है कि स्थानीय लोगों का इस हिंसा से कोई सरोकार नहीं है बल्कि उनके जरिए मुसलमानों के धार्मिक स्थलों और उनके घरों को बचाने का प्रयास किया गया है। यह सोची समझी साजिश का नतीजा है, जिसकी जांच होनी चाहिए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए।

उन्होंने बताया कि जिस समय हम लोग त्रिपुरा में थे, हमने मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश की मगर उन्होंने मिलने के लिए समय नहीं दिया और ना ही त्रिपुरा के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस ने ही हमें मिलने के लिए बुलाया जबकि हमने दोनों को इस सिलसिले में पत्र भेजकर जानकारी दी थी। त्रिपुरा हमेशा से एक शांत राज्य रहा है लेकिन कुछ शरारती तत्वों की हरकतों की वजह से यहां पर भी सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ गया है। इस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की जरूरत है। इंजीनियर सलीम अहमद और शम्श तबरेज कासमी ने भी त्रिपुरा में होने वाली घटना को सुनियोजित बताते हुए इसकी जांच कराए जाने की मांग की है। उन्होंने स्थानीय निवासियों से शान्ति बनाए रखने, अफवाहों पर ध्यान नहीं देने, सोशल मीडिया पर चलने वाली फर्जी और बेबुनियाद खबरों पर विश्वास नहीं करने की अपील की है।


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