इंदौर, 05 जुलाई (हि.स.)। भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय ने 26 जून को जिस मकान को गिराने से रोकने के लिए नगर निगम कर्मी पर बल्ला चलाया था, उस मकान को नगर निगम की टीम ने शुक्रवार सुबह गिरा दिया। पूरे प्रदेश की राजनीति को गरमा देने वाले इस मकान को गिराने की कार्रवाई के दौरान पूरी तरह खामोशी छाई रही।
अदालत के आदेश पर इंदौर नगर निगम की टीम शुक्रवार सुबह 10 बजे उपायुक्त महेंद्र चौहान के नेतृत्व में गंजी कंपाउंड पहुंची। इसके बाद जेसीबी और अन्य उपकरणों की सहायता से मकान को गिराने की कार्रवाई शुरू की गई। जर्जर मकान को जमींदोज करने में करीब दो घंटे का समय लगा लेकिन इस दौरान किसी तरह का विवाद या शोरशराबा नहीं हुआ। नगर निगम की टीम ने बिना किसी व्यवधान के अपने काम को पूरा किया।
किराएदार को तीन महीनों के लिए दिया फ्लैट
मकान को गिराने पर रोक लगाने के लिए अदालत में लगाई गई याचिका की सुनवाई के दौरान अदालत ने यह व्यवस्था दी थी कि पहले उस मकान में रह रहे लोगों के लिए वैकल्पिक आवास की व्यवस्था की जाए, उसके बाद मकान गिराया जाए। इस पर अमल करते हुए नगर निगम ने गुरुवार को ही मकान में रह रहे भेरुलाल श्रीवंश के परिवार के लिए भूरी टेकरी में शहरी गरीबों के लिए बने मकानों में से एक फ्लैट आवंटित कर दिया था।
नगर निगम के बिल्डिंग ऑफिसर असित खरे ने बताया कि किराएदार परिवार को तीन महीने के लिए अस्थायी रूप से फ्लैट रहने के लिए दिया गया है। मकान खाली करने का नोटिस एवं फ्लैट आवंटन की सूचना किराएदार की बेटी को गुरुवार को दे दी गई थी। इसकी एक कॉपी गंजी कंपाउंड स्थित जर्जर मकान पर भी चस्पा की गई थी।