हवा ही नहीं दिल्ली का पानी भी खराब

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साफ पानी के लिहाज से देश के 21 शहरों में दिल्ली सबसे फिसड्डी बीआईएस की ओर से जारी रैंकिग में मुंबई का पानी सबसे शुद्ध



नई दिल्‍ली, 16 नवम्बर (हि.स.)। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्‍ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने शनिवार को राजधानी दिल्‍ली समेत देशभर के 21 शहरों के पीने के पानी के नमूने की जांच रिपोर्ट जारी की है। पीने के पानी की रैकिंग जारी करते हुए राम विलास पासवान ने कहा कि राजधानी दिल्‍ली का पानी पीने योग्‍य नहीं है। रैंकिंग के मुताबिक देश में सबसे स्‍वच्‍छ और बेहतर पेयजल की सुविधा मुंबई में है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि नल के पानी की गुणवत्ता के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा जारी रैकिंग में मुंबई शीर्ष पर है, जबकि सबसे निचले स्तर पर राजधानी दिल्ली है। दिल्ली से लिए गए 11 में से 11 नमूने 19 मापदंडों पर विफल रहे। राजधानी दिल्ली में 12 जनपथ और कृषि भवन समेत 11 स्थानों से नमूने एकत्रित किए गए थे। उन्होंने कहा कि दो समस्या सबसे बड़ी है एक पीने का पानी और दूसरा प्रदूषण। हमारा मकसद न तो किसी सरकार को दोष देना है और ना ही राजनीति करना। जब तक हमारे पास मंत्रालय है तब तक लोगों को स्वच्छ पानी पीने की व्यवस्था हो जाए, जो भी राज्य सरकार हमसे मदद चाहती है वो हमसे ले सकती है।
पीने के पानी की रैकिंग:-
1- मुंबई, 2- हैदराबाद, 3- भुवनेश्वर, 4- रांची, 5- रायपुर, 6- अमरावती, 7- शिमला, 8- चंडीगढ़, 9- त्रिवेंद्रम, 10- पटना, 11- भोपाल, 12- गुवाहाटी, 13- बेंगलुरु, 14- गांधी नगर, 15- लखनऊ, 16- जम्मू,
17- जयपुर, 18- देहरादून, 19- चेन्नई, 20- कोलकाता और 21- दिल्ली।
राजधानी दिल्ली में पिछले महीने पीने के पानी के नमूने बीएसआई की आरंभिक जांच में विफल पाए जाने के बाद पासवान ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2024 तक देश में हर घर में नल लगाने और स्वच्छ व शुद्ध पानी मुहैया करवाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि इसी के मद्देजनर देश के सभी राज्यों की राजधानी समेत 100 स्मार्ट सिटी की योजना के अंतर्गत आने वाले शहरों में पीने के पानी की शुद्धता की जांच की जा रही है।

 


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