रूस में चल रहा सात देशों का युद्धाभ्यास जैपेड-2021 हुआ संपन्न

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 रूसी सशस्त्र बलों ने नई पीढ़ी की हथियार प्रणालियों और उपकरणों का किया प्रदर्शन



नई दिल्ली, 16 सितम्बर (हि.स.)। पारंपरिक युद्धक्षेत्र परिदृश्य में संयुक्त अभियान चलाने के लिए सैनिकों को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से रूस के नोवगोरोड क्षेत्र के मुलिनो में चल रहा अभ्यास जैपेड-2021 संपन्न हो गया। सात दिवसीय बहुपक्षीय ‘संयुक्त सामरिक अभ्यास’ में कुल सात देशों की सेनाएं शामिल हुईं। अभ्यास के दौरान रूसी सशस्त्र बलों ने नई पीढ़ी की हथियार प्रणालियों और उपकरणों का भी प्रदर्शन किया।

अभ्यास के दौरान विभिन्न क्रम में रणनीतिक योजना, सामरिक कार्रवाइयों के साथ युद्धाभ्यास का पूर्वाभ्यास भी किया गया। संयुक्त सामरिक अभ्यास में नकली युद्ध स्थितियों के तहत क्षेत्रीय अखंडता को बहाल करने के लिये गठबंधन बलों ने रक्षात्मक और आक्रामक युद्धाभ्यास को शामिल किया।

इसके समापन समारोह में संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण और टुकड़ियों के बीच घनिष्ठ रक्षा सहयोग के महत्व पर प्रकाश डाला गया। शानदार समारोह की अध्यक्षता रूसी संघ के उप रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल यूनुस-बेक इवकुरोव ने की, जिन्होंने सभी भाग लेने वाले दल और पर्यवेक्षकों के सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया।

सैन्य प्रशिक्षण और अभ्यास के अलावा भाग लेने वाली टुकड़ियों ने फुटबॉल, वॉलीबॉल, केटल बेल लिफ्टिंग, आर्म कुश्ती, रस्साकशी और सांस्कृतिक कार्यक्रम सहित कई पाठ्येतर और खेल गतिविधियों में अपने कौशल का प्रदर्शन किया। अभ्यास ने सशस्त्र बलों के बीच तालमेल और अंतर-संचालन को बढ़ावा दिया जो इन राष्ट्रों के बीच घनिष्ठ सैन्य संबंध बनाने में मदद करेगा।

सभी कमांडरों ने हासिल किए गए मानकों और सीखे गए सबक के संदर्भ में संयुक्त अभ्यास के संचालन पर अत्यधिक संतोष व्यक्त किया। इस अभ्यास में पर्यवेक्षक के रूप में यूरेशियन और दक्षिण एशियाई क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक देशों ने भाग लिया।

जैपेड-2021 रूसी सशस्त्र बलों के थिएटर स्तर के अभ्यासों में से एक है, जो मुख्य रूप से आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन पर केंद्रित रहा। भारतीय सेना की ओर से इस अभ्यास में नागा बटालियन के ऑल आर्म्स कंबाइंड टास्क फोर्स ने हिस्सा लिया।

रूस जाने से पहले भारतीय दल कठिन प्रशिक्षण के दौर से गुजरा, जिसमें मशीनीकृत, हवाई और हेलीबोर्न, आतंकवाद का मुकाबला, मुकाबला कंडीशनिंग और फायरिंग सहित पारंपरिक संचालन के सभी पहलुओं को शामिल किया गया।

उल्लेखनीय है कि नागा रेजिमेंट भारतीय सेना की सबसे कम उम्र की रेजिमेंटों में से एक है। इस अभ्यास में भाग लेने वाले सभी देशों की सेनाओं ने विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े अपने बहुमूल्य अनुभवों को साझा किया।


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