नई दिल्ली, 26 मार्च (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को झटका देते हुए मुख्तार अंसारी को दो हफ्ते में पंजाब से वापस उत्तर प्रदेश (यूपी) भेजने का आदेश दिया है। प्रयागराज की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट तय करेगी कि उसे बांदा जेल में रखना है या किसी और जेल में। पिछले 4 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
मुख्तार अंसारी पिछले 2 सालों से पंजाब की रोपड़ जेल में बंद है। पंजाब सरकार ने मुख्तार को यूपी भेजने का विरोध किया था। यूपी सरकार ने कहा था कि पंजाब सरकार का कहना है कि मुख्तार अंसारी डिप्रेशन में है और वो कहता है कि वो स्वतंत्रता सेनानी के परिवार से है लेकिन हकीकत में वो गैंगस्टर है। उसने पंजाब में केस के लिए जमानत इसलिए नहीं लगाई क्योंकि वो वहां की जेल में खुश है।
मुख्तार अंसारी की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि यूपी सरकार धारा 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर ही नहीं सकती। मौलिक अधिकार नागरिक का होता है, राज्य का नहीं। यूपी पंजाब में चल रहा मुकदमा अपने पास ट्रांसफर करने की मांग भी नहीं कर सकती। पंजाब में जो केस है, वह पंजाब सरकार और मुख्तार अंसारी के बीच का मामला है। यूपी की इसमें कोई भूमिका नहीं हो सकती है। रोहतगी ने कहा था कि केस दिल्ली ट्रांसफर करने पर उन्हें आपत्ति नहीं है। यूपी में मुख्तार सुरक्षित नहीं है। रोहतगी ने कहा कि यूपी सरकार मुख्तार अंसारी के प्रति दुर्भावना रखती है। उसके मकान को गिराया गया। मुख्तार अंसारी के बेटे को फ़र्ज़ी एफआईआर में गिरफ्तार किया गया।