धोनी ने विश्वकप मैचों के दो यादगार पलों को किया साझा

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मैच में जब हम जीत से 15-20 रन दूर थे। इसी दौरान वानखेड़े स्टेडियम (मुम्बई) में लोगों ने ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाने शुरू कर दिए।



नई दिल्ली, 28 नवम्बर (हि.स.)। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी विश्वकप के बाद से टीम से बाहर चल रहे हैं। उन्होंने टीम में चयन के लिए अगले साल के जनवरी माह तक खुद को अनुपलब्ध बता रखा है। फैंस उनके दोबारा टीम में वापसी का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच पूर्व कप्तान धोनी ने मीडिया से मुखातिब होते हुए दो ऐसे यादगार पलों का साझा किया, जो उनके दिल के बेहद करीब है।
मुम्बई में एक प्रचार कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में धोनी ने अपनी कप्तानी में जीते 2007 टी-20 विश्वकप और 2011 एकदिवसीय विश्वकप का जिक्र करते हुए इन्हें अपने दिल के बेहद करीब बताया।  धोनी ने कहा कि मैं दो घटनाओं के बारे में जिक्र करना चाहता हूं। पहली तब की है जब हम 2007 टी-20 विश्वकप जीतकर भारत लौटे और हम खुली बस में सवार होकर मुंबई की सड़कों पर निकले। जब हम मरीन ड्राइव पहुंचे तो वहां जाम लग गया था। लोग हमारे स्वागत के लिए आए थे। उन्होंने कहा कि उनमें कई लोग ऐसे रहे होंगे जिनकी फ्लाइट छूट गई होगी, हो सकता है कि वे किसी जरूरी काम से जा रहे हों। मुझे हर किसी के चेहरे पर खुशी देखकर अच्छा लग रहा था। वह शानदार स्वागत था।
दूसरी घटना में धोनी ने भारत में हुए 2011 एकदिवसीय विश्वकप के फाइनल का जिक्र किया। उन्होंने कहा मैच में जब हम जीत से 15-20 रन दूर थे। इसी दौरान वानखेड़े स्टेडियम (मुम्बई) में लोगों ने ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाने शुरू कर दिए। ये दो लम्हें मेरे दिल के बेहद करीब हैं।
उल्लेखनीय है वर्ष 2007 में दक्षिण अफ्रीका में हुआ पहला टी-20 विश्वकप भारत ने जीता था। भारतीय टीम ने फाइनल में पाकिस्तान को पांच रन से हराकर खिताब पर कब्जा जमाया था। टीम की कप्तानी धोनी के हाथों में थी। इसके बाद धोनी के ही नेतृत्व में भारत ने 2011 में हुए एकदिवसीय विश्वकप जीता था। फाइनल में श्रीलंका को छह विकेट से मात देकर 28 साल बाद भारत दोबारा एकदिवसीय क्रिकेट में चैम्पियन बना था। तब मुंबई में खेले गए फाइनल में धोनी ने नाबाद 91 रन की पारी खेली थी।

 


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