भोपाल, 27 नवम्बर (हि.स.)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की रुचि लेने के बाद ‘दीनदयाल रसोई’ नए स्वरूप में आ रही है। प्रदेश की राजधानी भोपाल में अब कोई गरीब कोरोना के इस संकट काल में भूखे पेट नहीं सोएगा। रसोई के लिए नए चार स्थान चिन्हित किए गए हैं, जहां कोई भी गरीब 10 रुपये देकर अपना पेट भर सकता है। इसके साथ ही राजधानी में 05 स्थानों पर भोजन की व्यवस्था होने जा रही है।
हर थाली पड़ेगी 15 रुपये की
नगर निगम के उपायुक्त विनोद शुक्ला ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि इस बार भोजन की कीमत दोगुनी कर दी गई है जिसमें अब लोगों को पांच के बजाए दस रुपये में भरपेट भोजन मिलेगा। उन्होंने बताया कि इसके आदेश में संबंधित अधिकारियों को पानी, बिजली आदि व्यवस्थाओं को पूरा करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। दीनदयाल रसोई संचालित करनेवाली संस्था को 10 रुपये में भोजन उपलब्ध कराएगी लेकिन शासन की ओर से अतिरिक्त 05 रुपये प्रति थाली दिए जायेंगे यानी संस्था को हर थाली भोजन 15 रुपये का पड़ेगा। उन्होंने बताया कि 15 रुपये प्रति थाली भोजन उपलब्ध कराने की इच्छुक अन्य संस्थाओं से भी टेंडर आमंत्रित किये गए हैं। उन्होंने बताया कि अभी दो लोगों के आवेदन मिले हैं। फिलहाल शहर में ‘दीनदयाल रसोई’ का सिर्फ एक सेंटर ही मौजूद है जो सुल्तानिया अस्पताल के सामने शाहजहांनी पार्क में चल रहा है। इस सेंटर को अच्छी सेवा के लिए आईएसओ प्रमाण-पत्र भी मिल चुका है।
राजधानी भोपाल में ये हैं सस्ते भोजन के चार स्थान
श्री शुक्ला ने ‘दीनदयाल रसोई’ के नए स्थानों के बारे में बताया कि कोलार के सर्वधर्म बी-सेक्टर में गणपति अपार्टमेंट के सामने, करोंद में स्थित नवाब कॉलोनी के सामुदायिक भवन में, गोविंदपुरा क्षेत्र के रत्नागिरी स्वीमिंग पूल के सामने और पुलतीघर बस स्टैंड स्थित यात्री प्रतीक्षालय भवन में संचालित करने की योजना पर काम किया जा रहा है। शीघ्र ही इन सभी स्थानों पर सस्ता भोजन मिलना शुरू हो जाएगा। वास्तव में इस योजना के तहत नई रसोई खोलने के लिए ऐसे स्थानों का चयन किया गया है, जहां गरीबों की अधिक संख्या की पहुंच आसान है और एक तरह से पूरा भोपाल इससे कवर हो जाए ।
यह सस्ती भोजन योजना में देश की सफलत योजना है
नगर निगम भोपाल के जनसंपर्क अधिकारी प्रेमशंकर शुक्ला का कहना था कि दीनदयाल रसोई योजना की थाली में कई व्यंजनों को शामिल किया गया है, जो दोपहर के भोजन और नाश्ते के रूप में भी उपलब्ध है। उनका कहना था कि यह कम कीमतों में स्वच्छ और स्वस्थ भोजन की उपयोगिता की वजह से एक रियायती भोजन योजना है जो भारत में बहुत हद तक सफल रही है। नई दीनदयाल रसोई का एक साथ ई-उद्घाटन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिसम्बर के पहले हफ्ते में करेंगे।
दीनदयाल रसोई चलाने के पीछे का उद्देश्य
दरअसल, दीनदयाल कैंटीन योजना का उद्देश्य गरीब एवं श्रमिक वर्ग को स्वस्थ और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है। यदि गरीब मजदूरी करने वाले लोग जैसे रिक्शा चालक, मजदूर और अन्य कर्मचारियों को स्वस्थ भोजन प्राप्त होगा तो वे अपने समाज, प्रदेश और राष्ट्र को अपनी बेहतर सेवाएं दे सकेंगे। प्रदेश में सबसे पहले यह योजना 07 अप्रैल 2017 में शिवराज सरकार ने पांच रुपये में पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए शुरू की थी। फिलहाल कम कीमतों में स्वच्छ और स्वस्थ भोजन की उपयोगिता को ध्यान में रखकर मप्र के अलावा ऐसी ही रियायती भोजन की योजना कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे दक्षिण के राज्यों में भी चल रही है। मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार इसे हर नगर निगम, नगरीय निकाय एवं पंचायत क्षेत्रों में भी सफलता से संचालित करने की योजना पर काम कर रही है।