कोलकाता, 09 जनवरी (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ पत्रकार स्वपन दासगुप्ता आठ घंटे बाद ऐतिहासिक विश्वभारती विश्वविद्यालय में छात्रों की घेराबंदी से मुक्त हुए। रात 11 बजे के करीब वह विश्वविद्यालय से बाहर निकल सके। निकलते ही उन्होंने ट्वीट किया। इसमें उन्होंने लिखा कि छात्रों के उत्पात और हंगामे से आखिरकार अब जाकर मुक्ति मिली है।
उल्लेखनीय है कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित इस ऐतिहासिक विश्वविद्यालय में बुधवार को संशोधित नागरिकता अधिनियम पर एक परिचर्चा सत्र को संबोधित करने स्वपन दासगुप्ता गए थे। आरोप है कि वहां वामपंथी और तृणमूल के छात्र संगठन के लोगों ने मिलकर उन्हें अंदर ही घेर लिया और बाहर नहीं निकलने दे रहे थे। विश्वविद्यालय के कुलपति के कमरे में वह कैद थे। रात आठ बजे जब यह मामला सुर्खियों में आया तब हंगामा मच गया था। भाजपा के प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने वीडियो जारी कर ममता सरकार को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी।
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र कुमार से बात की थी और प्रशासनिक कार्रवाई करने को कहा था। प्रदेश भाजपा ने भी इस घेराबंदी को लेकर ममता प्रशासन पर सवाल खड़ा किया था। बाद में छात्रों ने उन्हें जाने दिया। इसी तरह से कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय में भी केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो को छात्रों ने पिछले साल बंधक बना लिया था। उन्हें बाहर निकालने के लिए राज्यपाल जगदीप धनखड़ को अपनी गाड़ी लेकर जाना पड़ा था।