बुंदेलखंड की अयोध्या ओरछा में रामलीला महोत्सव का भव्य शुभारंभ

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ओराछा/निवाड़ी, 7 अक्टूबर (हि.स.)। यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज सूची में शामिल मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड की अयोध्या ओरछा में गणेश पूजन के साथ बुधवार रात से ”ओरछा के राजा राम की लीला” का शुभारंभ कंचना घाट पर हुआ।

प्रसिद्ध कलाकार नितिन बत्रा के निर्देशन में आयोजित इस रामलीला में पहले दिन बताया गया कि कैसे अयोध्या से चलकर राजा राम ओरछा आए, उसके बाद विधिवत गणेश वंदन-पूजन किया गया। ओरछा की संक्षिप्त कथा, शंकर-पार्वती संवाद, नारद मोह, रावण तपस्या और रावण-वेदमती संवाद तक का मंचन इस वर्चुअल रामलीला में किया गया।

राष्ट्र मंगल की कामना को लेकर आयोजित ओरछा की रामलीला

इस भव्य रामलीला के शुभारंभ अवसर पर मध्य प्रदेश के लोक निर्माण विभाग और कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि ओरछा के ऐतिहासिक सांस्कृतिक महत्व के प्रति श्रद्धा रखते हुए ओरछा के राजा राम की लीला का पहली बार कंचना घाट पर ऐतिहासिक महलों की पृष्ठभूमि में मंचन हो रहा है। आज रामलीला के उद्घाटन में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। राष्ट्र मंगल की कामना को लेकर आयोजित हो रही ओरछा की रामलीला को देखकर मैं अभिभूत हूं।

रामलीला का प्रसारण दुनिया के 142 देशों में हो रहा

कार्यक्रम के संयोजक अमित राय ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि रामलीला का प्रसारण दुनिया के करीब 142 देशों तक विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए किए जाने के लिए यहां से व्यवस्था की गई है। इस रामलीला का मंचन देश के प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा किया जा रहा है, 15 अक्टूबर को दशहरे पर रावण वध के साथ इसका समापन होगा।

उन्होंने कहा कि इस आयोजन के लिए बनाई गई समिति ने वैश्विक संकट कोरोना काल के बीच ही यह कल्पना की थी कि बेतवा नदी के तट पर ओरछा में एक ऐसी रामलीला की जाए जो दुनिया भर में रह रहे हिन्दू सनातनी एवं अन्य जनों द्वारा देखी जा सके और उसके बाद पांच माह के अथक परिश्रम से इसका यह मंचन आज साकार रूप ले सका है।

इससे पूर्व अयोध्या में हुई थी भव्य रामलीला आयोजित, देखी थी 14 करोड़ जनों ने

उन्होंने यह भी कहा कि पिछली बार इस रामलीला का आयोजन अयोध्या में हुआ था। तब रामलीला को लगभग 14 करोड़ से ज्यादा लोगों ने देखा था। तब भी इसका प्रसारण विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और संचार माध्यमों से पूरी दुनिया को दिखाने का सफल प्रयास हुआ था। वे कहते हैं कि भगवान राम का निवास अयोध्या और ओरछा में माना जाता है, इसीलिए 2021 में यह भव्य रामलीला ओरछा में हो रही है।

दस दिन तक चलेगी रामलीला

रामलीला के निर्देशक नितिन बत्रा कहते हैं कि रामचरित की चौपाइयों पर होने वाली इस रामलीला में स्पेशल इफेक्ट्स, एलईडी ग्राफिक्स और लेजर लाइट आदि का पूरा इस्तेमाल किया जा गया है। इसमें थियेटर के कलाकारों से लेकर टीवी और सीरियलों जैसे सोनी क्राइम पेट्रोल आदि के कलाकार भी हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे सभी कलाकार पिछले चार माह से यहां आकर रामलीला करने के लिए दिनरात मेहनत कर रहे थे। लगभग 100 कलाकारों द्वारा मनमोहक अंदाज में संपूर्ण रामलीला का मंचन आपको यहां नित्य 10 दिनों तक देखने को मिलेगा।

आरोछा में राजा राम सरकार

ओरछा के राजा राम को लेकर यहां रामलीला की व्यवस्था से जुड़े एवं महत्वपूर्ण दायित्व देख रहे राजेश वर्मा कहते हैं कि ओरछा को लेकर राजा राम की नगरी के रूप में प्राचीन कथा है। इसके अनुसार ओरछा की महारानी गणेश कुंवर पुष्य नक्षत्र में श्रीराम की प्रतिमा को अयोध्या से नंगे पैर चलकर यहां लेकर आयी थीं और भगवान श्रीराम को ओरछा के राजा की मान्यता दी थी। भगवान श्रीराम का ओरछा में राज्याभिषेक हुआ था। तब से भगवान राम ही ओरछा के राजा हैं। यही वह कारण भी है कि बुदेलखंड की अयोध्या मानी जाने वाली ओरछा नगरी में प्रतिदिन चारों पहर भगवान श्रीराम को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है। इस भव्य रामलीला को देखने के लिए बुंदेलखंड के साथ-साथ पूरे देश से लोग यहां आए हुए हैं और अन्य आगे के दिनों में आएंगे।

उल्लेखनीय है कि इस अवसर पर निवाड़ी विधायक अनिल जैन, डॉ. राकेश मिश्रा (अध्यक्ष गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास), रामलीला के चैयरमेन सत्यभूषण जैन, रामलीला के अध्यक्ष डॉ. बीपी टंडन, रामलीला के संयोजक अमित राय, पूर्व जिला अध्यक्ष नंदकिशोर नापित, झाँसी मेयर रामतीर्थ सिंघल, झाँसी डीएम आंद्रा बामसी, पूर्व विधायक बिजावर गुड्डन पाठक विशेष रूप से उपस्थित रहे।

यह है आगामी दिनों का कार्यक्रम

07 अक्टूबर इस रामलीला के दूसरे दिन श्रीराम जन्म, विश्वामित्र तप भंग और ताड़का-सुबाहु वध की लीला का मंचन होगा़।

08 अक्टूबर को अहिल्या उद्धार, सीता स्वयंवर, धनुष यज्ञ, लक्ष्मण-परशुराम संवाद का आयोजन होगा।

09 अक्टूबर को मंथरा कैकई संवाद, दशरथ-कैकई संवाद, श्रीराम वनवास का मंचन कलाकार करेंगे।

10 अक्टूबर को श्रीराम-केवट मिलन, दशरथ मरण और चित्रकूट में भरत मिलाप की कथा का मंचन किया जाएगा।

11 अक्टूबर को रामलीला में जटायु उद्धार, शबरी मिलन का प्रसंग दिखाया जाएगा।

12 अक्टूबर को श्रीराम सुग्रीव मित्रता, लंका दहन है।

13 अक्टूबर को अंगद-रावण संवाद, लक्ष्मण शक्ति का दृश्य मंच पर जीवित हो उठेगा।

14 अक्टूबर को कुंभकर्ण, मेघनाथ और अहिरावण वध की लीला का मंचन होगा।

इसके बाद 15 अक्टूबर रामलीला के मंचन का अंतिम दिन है। इस दिन श्रीराम और भरत का मिलाप और भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक की लीला का मंचन होगा। साथ ही दशहरा महोत्सव, पुतला दहन और आतिशबाजी का भव्य दृश्य देखने को मिलेगा।


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