पटना, 06 फरवरी (हि.स.)। बैंकों में पड़े सरकारी रुपयों पर जालसाजों की कड़ी नजर है। पिछले महीने 3 जनवरी को ही पटना में नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचआई) के कोटक महिंद्रा बैंक अकाउंट से 11.37 करोड़ रुपए के फर्जी आरटीजीएस किए जाने के मामला सामने आया था। अब ताजा मामला छपरा जिले के महाराजगंज सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल के सांसद निधि खाते का है। उनके बैंक खाते से 89 लाख रुपये की फर्जी निकासी कर ली गई है। मामला सामने आने के बाद सांसद ने इसकी जानकारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को दी। उनके हस्तक्षेप से महाराष्ट्र पुलिस ने आरोपी बैंक खातेदार संदीप मांगीलाल को अहमदनगर से गुरुवार की देर शाम में ही गिरफ्तार कर लिया। अब इससे पूछताछ के बाद ही नए खुलासे होने की संभावना है। साथ ही सांसद ने इस फर्जीवाड़े की जानकारी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और बैंक ऑफ बड़ौदा के सीएमडी को लिखित रूप से दी है। इस मामले में केन्द्रीय गृह सचिव ने बिहार के मुख्य सचिव से तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट मांगी है।
भाजपा सांसद जनार्दन सिग्रीवाल के डेवलपमेंट फंड का अकाउंट छपरा के हथुआ बाजार के समीप बैंक आफ बड़ौदा के मेन ब्रांच में है। अकाउंट नंबर 12380100016890 से पिछले साल 4 नवंबर को आरटीजीएस के जरिए दो ट्रांजैक्शन किए गए। पहली बार में 42 लाख और दूसरी बार में 47 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए। इन रुपयों को महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के बैंक आफ बड़ौदा के ही अकाउंट में भेजा गया। यह अकाउंट संदीप मांगीलाल कोठारी नाम के व्यक्ति का है। मामला सामने आने के बाद पुलिस से शिकायत की गई। पुलिस ने संदीप मांगीलाल को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन, हैरत करने वाली बात है कि इस बात की जानकारी बैंक ने सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल को भी नहीं दी। मामले का खुलासा तब हुआ जब एक योजना के भुगतान को लिए ठेकेदार बैंक पहुंच तो बताया कि गया खाते में पर्याप्त रुपये नहीं हैं। इसके बाद उस ठेकेदार यह जानकारी सांसद को दी। यह मामला तब सामने आया जब 3 फरवरी को डेवलपमेंट वर्क की एक योजना के तहत ठेकेदार को रुपए देने थे। चेक के जरिए जब ठेकेदार पेमेंट लेने गया तो उसे बैंक ने होल्ड पर डाल दिया। उस अकाउंट में पर्याप्त रुपए नहीं थे। इस कारण बैंक ने पेमेंट करने से मना कर दिया। तब यह बात दिल्ली में मौजूद सांसद जर्नादन सिंह सिग्रीवाल तक पहुंची। इसके बाद उन्होंने जिला योजना पदाधिकारी से बात की। तब उन्होंने सबसे पहले इसकी जानकारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को दी।