हनी ट्रैप : जीतू सोनी की घेराबंदी पर मुख्यमंत्री की निगाह, इंदौर से जुड़े कई मामलों के मिले प्रमाण

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शासन-प्रशासन ने शिकंजा कसा, जीतू सोनी पर 20 हजार का इनाम भी घोषितइंजीनियर हरभजन सिंह ने हाईकोर्ट से मांगी जान की सुरक्षा 



इंदौर, 03 दिसम्बर (हि.स.)। मध्यप्रदेश के हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप के मामले में इंदौर के अखबार मालिक जीतू सोनी और उनके बेटे अमित पर शासन-प्रशासन ने शिकंजा कस दिया है। शहर के दो अलग-अलग थानों ने फरार आरोपित जीतू सोनी पर 20 हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर दिया है। लूट, मानव तस्करी से लेकर तमाम धाराओं में पुलिस ने प्रकरण दर्ज किए हैं।

बता दें कि इंदौर नगर निगम के अफसर हरभजन सिंह हनी ट्रैप का शिकार हुए थे और उनकी शिकायत पर पुलिस ने अखबार मालिक जीतू सोनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इस मामले में जीतू सोनी का बेटा अमित पुलिस की गिरफ्त में है। अब निगम के अफसर हरभजन सिंह ने अपनी जान को खतरा बताकर सुरक्षा मांगी है। हाईकोर्ट में भी तमाम याचिकाएं दायर की गई, जिसमें हनी ट्रैप से संबंधित खुलासों पर रोक की मांग की गई है। जीतू सोनी के अवैध साम्राज्य पर निगम सहित अन्य विभागों की कार्रवाई भी होनी है। मुख्यमंत्री कमलनाथ के कड़े निर्देश के बाद ही पुलिस-प्रशासन सहित अन्य विभागों ने सोनी के ठिकानों पर छापे मारे और अड़ीबाजी, ब्लैकमेलिंग से लेकर कई मामले मुख्यमंत्री तक मय प्रमाण पहुंच भी गए और दिल्ली का भी दबाव इस पूरे मामले में बताया जा रहा है।

पिछले कई दिनों से मीडिया में हनी ट्रैप छाया हुआ है और इस मामले में नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह ने सबसे पहले पलासिया थाने पर शिकायत दर्ज करवाई थी, उसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में भी सोमवार को एक आवेदन दिया, जिसमें जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा मांगी गई और साथ ही हनी ट्रैप से संबंधित वीडियो-आडियो पर भी रोक लगाने की मांग की गई है। उल्लेखनीय है कि हनी ट्रैप के मामले में कई राजनेता, अफसर और रसूखदार फंसे हैं, जिसकी जांच एसआईटी द्वारा की जा रही है। पिछले दिनों हनी ट्रैप से संंबंधित कुछ वीडियो और अन्य जानकारी लीक हुई, जिसका प्रकाशन शाम के दैनिक में किया गया। इसके मालिक जीतू सोनी और उनके बेटे अमित को अड़ीबाजी, ब्लैकमेलिंग से लेकर मानव तस्करी और आईटी एक्ट के उल्लंघन के मामले में पुलिस ने अपने शिकंजे में लिया है।

जीतू सोनी तो अभी गायब है, जिसके चलते 10-10 हजार रुपये का इनाम भी पुलिस ने घोषित कर दिया। होटल माय होम से 67 लड़कियों को मुक्त भी करवाया गया है और उनके बयान भी दर्ज किए गए कि वे किस तरह अमानवीय परिस्थितियों में रह रही थी। ओटू, बेस्ट वेस्टर्न और कनाडिय़ा रोड स्थित जीतू सोनी के मकान की भी जांच की जा रही है। जिन लड़कियों को माय होम से मुक्त करवाया गया है, उन्हें जीवन ज्योति आश्रम राऊ में रखा गया है और उनसे भी पुलिस द्वारा कई तरह की जानकारियां ली जा रही हैं ।

सूत्रों का कहना है कि इस पूरे मामले में दिल्ली का भी दबाव है, क्योंकि पिछले दिनों हनी ट्रैप में फंसे एक पूर्व मंत्री का भी खुलासा किया था, जिसने कई तरह की अनाब-शनाब बातें कहीं, जिसका प्रकाशन किया गया। इसके चलते दिल्ली तक हडकंप मचा है और वहां से भी प्रदेश सरकार पर कार्रवाई के लिए दबाव आया। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री कमलनाथ को इंदौर से संबंधित मामलों में शिकयतें मिल रही थीं कि जमीनों से लेकर तमाम मामलों में अड़ीबाजी और ब्लैकमेलिंग की जाती है। मुख्यमंत्री के पास कई जमीनों से संबंधित मामले सप्रमाण पहुंचा दिया गया है, जिनमें बड़े पैमाने पर मीडिया की धौंस-धपक दिखाकर करोड़ों रुपये की वसूली करने के मामले भी शामिल हैं । इसके बाद ही योजनाबद्ध तरीके से अखबार मालिक के ठिकानों पर कार्रवाई की गई।

सीलिंग पर बने मकान को लेकर नोटिस जारी

जीतू सोनी की तमाम संपत्तियों की जांच-पड़ताल पुलिस-प्रशासन द्वारा की जा रही है और इंदौर से लेकर मुंबई तक जांच हो रही है। होटल, दफ्तर, मकान से बड़ी संख्या में सम्पत्तियों से संबंधित रजिस्ट्रियां, दस्तावेज और अन्य सीडी, पेन ड्राइव व सामग्री जब्त की गई है। होटल माय होम, बेस्ट वेस्टर्न, ओटू के अलावा कनाडिय़ा रोड स्थित जीतू सोनी के विशाल मकान की भी जांच-पड़ताल की जा रही है। कलेक्टर लोकेश जाटव ने बताया कि यह मकान सीलिंग की जमीन पर बना होने की जानकारी सामने आई है। लिहाजा इस संबंध में एसडीएम सोहन कनाश से रिपोर्ट मांगी गई है। जमीन की स्थिति, सीमांकन, भूमि उपयोग और नगर निगम ने क्या अनुमति दी, इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार की जा रही है।


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