भोपाल,13 मई (हि.स.)। कोरोना संकट के बुरे वक्त में मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार उन तमाम लोगों के लिए फिर एक बार आशा की किरण बन सामने आई है, जिनके परिजनों की या तो इस महामारी में मृत्यु हो गई या फिर उनके आय के साधन समाप्त हो गए हैं। सरकार कोरोना संक्रमण की वजह से बेसहारा हुए बच्चों एवं परिवारों को मुफ्त राशन, पेंशन और बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देने जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वयं गुरुवार को इसकी घोषणा की।
इस निर्णय के साथ ही कोरोना संक्रमण से अपनों को खो चुके परिवारों को इस तरह की मदद देने वाला मध्यप्रदेश देश में पहला राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ऐसे बच्चे जिनके परिवार से पिता का साया उठ गया, कोई कामाने वाला नहीं बचा, ऐसे परिवारों को पांच हजार रुपये प्रति माह पेंशन दी जाएगी। इतना ही नहीं इस प्रकार के सभी परिवारों में बच्चों की शिक्षा का निःशुल्क प्रबंध किया जाएगा जिससे कि वे आगे भी अपना अध्ययन जारी रख सकेंगे।
उन्होंने कहा कि जिन बच्चों के पिता एवं अभिभावक और बुजुर्गों के बुढ़ापे की लाठी उनके युवा बेटे तथा परिवार के कमाने वाले सदस्य अब इस दुनिया में नहीं हैं, ऐसे परिवारों को प्रदेश सरकार का सबंल मिलना ही चाहिए। ऐसे दुखी परिवारों को हम बेसहारा नहीं छोड़ सकते, उनका सहारा प्रदेश की सरकार है, ऐसे बच्चों को भी चिंता करने की जरूरत नहीं है, वो प्रदेश के बच्चे हैं। प्रदेश उनकी मदद करेगा, प्रदेश उनकी चिंता करेगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अनाथ बच्चों, बुजुर्गों और परिवारों को जीवन यापन में कोई परेशानी नहीं होने नहीं दी जाएगी। प्रदेश सरकार पूरा ध्यान रखेगी। अनाथ बच्चों की शिक्षा का नि:शुल्क प्रबंध किया जाएगा, जिससे वे अपनी पढ़ाई बिना बाधा जारी रख सकें। अनाथ बच्चों, बुजुर्गों और परिवारों को पात्रता नहीं होने के बाद भी नि:शुल्क राशन दिया जाएगा। उनके भोजन की समस्या का समाधान होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अनाथ बच्चों और बुजुर्गों के परिवार और अनाथ हुए परिवार का कोई सदस्य यदि काम-धंधा करना चाहता है तो उसको प्रदेश सरकार की गारंटी पर बिना ब्याज का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा ताकि वे फिर से अपना काम-धंधा जीवन व्यापन के लिए शुरू कर सकें।