भोपाल, 23 फरवरी (हि.स.)। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को दिवंगतों को श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान मृतकों को श्रद्धांजलि नहीं दिये जाने पर विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया, जिसे देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही बुधवार सुबह 11.00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
विधानसभा में मंगलवार को सदन की कार्यवाही के दौरान शुरुआत में दिवंगतों को श्रद्धांजलि दी गई। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल बोरा, पूर्व राज्यसभा सांसद कैलाश नारायण सारंग, पूर्व विधायक लोकेन्द्र सिंह, पूर्व विधायक गोवर्धन उपाध्याय, पूर्व विधायक श्याम होलानी, पूर्व विधायक बद्रीनारायण अग्रवाल, पूर्व विधायक कैलाश नारायण शर्मा, पूर्व विधायक विनोद कुमार डागा, पूर्व विधायक कल्याण सिंह ठाकुर, पूर्व विधायक महेन्द्र बहादुर सिंह, पूर्व विधायक चनेश राम राठिया, पूर्व विधायक रानी शशिप्रभा देवी, पूर्व विधायक राजेश्वरी प्रसाद त्रिपाठी, पूर्व विधायक भानुप्रताप गुप्ता, पूर्व विधायक हीरा सिंह मरकाम, पूर्व विधायक लुईस बेक, पूर्व विधायक ठाकुर देवप्रसाद आर्य, पूर्व विधायक पूरनलाल जांगड़े, पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान, पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह, पूर्व केन्द्रीय मंत्री तरुण गोगोई, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सरदार बूटा सिंह, पूर्व केन्द्रीय मंत्री माधव सिंह सोलंकी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री कैप्टन सतीश शर्मा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री कमल मोरारका, पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामलाल राही के साथ ही उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से आई बाढ़ में और सीधी जिले में हुए बस हादसे में मृतकों को श्रद्धांजलि दी गई।
सदन में अन्य दिवंगतों के साथ उत्तराखंड के चमोली हादसे और सीधी बस हादसे के मृतकों को श्रद्धांजलि दी गई, लेकिन किसान आंदोलन के दौरान मरने वालों किसानों को श्रद्धांजलि नहीं दी गई। इस पर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सवाल उठाए। कांग्रेस विधायकों का कहना था कि दिल्ली सहित देश में किसान आंदोलन के दौरान करीब 200 किसानों की मौत हुई है, उन्हें श्रद्धांजलि क्यों नहीं दी जा रही है। इसको लेकर विपक्षी विधायकों ने विधानसभा में हंगामा शुरू कर दिया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मोतीलाल वोरा को श्रद्धांजलि देने के लिए खड़े हुए तो पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक डॉ.विजयलक्ष्मी साधौ ने कहा कि जब उत्तराखंड में बाढ़ में मृत लोगों को श्रद्धांजलि दी जा रही है तो दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान 200 किसानों की मौत हुई, उनको भी श्रद्धांजलि दी जानी चाहिए। लेकिन विधानसभा की कार्यसूची में इसका कोई उल्लेख नहीं है। पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने कहा कि किसान देश के अन्नदाता हैं। यदि आंदोलन के दौरान किसान की मौत होती है और उसे श्रद्धांजलि नहीं दी जाती है तो यह अन्नदाता का अपमान है।
इससे पहले, नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने दिल्ली आंदोलन में मृत किसानों के साथ-साथ मुरैना में जहरीली शराब से मरने वालों को भी श्रद्धांजलि दी। कमलनाथ ने कहा कि यह पक्ष और विपक्ष का सवाल नहीं है। क्या यह उचित है कि मृत किसानों को श्रद्धांजलि सदन में ना दी जाए? सीधी बस हादसे में मृतकों के परिवार को सरकार रोजगार उपलब्ध कराए। बसों में गरीब लोग ही सफर करते हैं। मरने वालों के परिजनों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। उनकी मदद करनी चाहिए।
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि यह समय श्रद्धांजलि देने का है न कि विवाद का। मैं इसकी इजाजत नहीं देता हूं कि श्रद्धांजलि के दौरान कोई व्यवधान उत्पन्न हो। इसके बाद कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार को शुरू हुआ, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष के निर्वाचन के बाद राज्यपाल का अभिभाषण हुआ। इसके बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को दिवंगतों को श्रद्धांजलि के बाद प्रश्नकाल होना था और उसके बाद दिनभर की कार्यवाही के दौरान 15 अध्यादेश विधेयक बिल सरकार पेश किये जाने थे, लेकिन विपक्ष के हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।