भोपाल, 25 जुलाई (हि.स.)। मध्यप्रदेश में भाजपा के दो विधायकों की क्रॉस वोटिंग को उनकी घर वापसी के रूप में देखा जा रहा है। अभी अधिकारिक तौर पर उनके कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन विधानसभा में इन दोनों विधायकों ने बुधवार को में दंड विधि संशोधन विधेयक में अपना वोट कांग्रेस के पक्ष में देने के साथ ही यह भी कहा है कि इसे उनकी घर वापसी मानिए।
दरअसल, विधानसभा में मीडिया से बातचीत करते हुए भाजपा विधायक शरद कौल और नारायण त्रिपाठी ने कहा है कि दूसरे दलों से भारतीय जनता पार्टी में जानेवाले लोगों को वहां बराबर से सम्मान नहीं मिलता है। ऐसे में उनका उठाया गया यह कदम एक तरह से हमारी घर वापसी मानिए। यहां इन दोनों विधायकों ने भाजपा पर यह आरोप भी लगाया कि पार्टी झूठ का सहारा लेती है। हम तो विकास के साथ हैं और कांग्रेस इस वक्त प्रदेश के विकास को लेकर अच्छा कार्य कर रही है।
इस दौरान मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी अपने और मुख्यमंत्री कमलनाथ के पुराने संबंधों का हवाला देने से अपने को रोक न सके। उन्होंने कहा कि वे पूर्व में लम्बे समय तक कमलनाथ के साथ रहे हैं। आज फिर एक बार मैं अपने क्षेत्र के विकास के लिए उनके साथ आया हूं। इसलिए मेरे इस कदम को मेरी घर वापसी समझिए।
इनके अलावा भाजपा के दूसरे विधायक शरद कौल ने भी इस दौरान अपनी बात रखते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शायी और कहा कि वे हमारे शुरू से आइकॉन रहे हैं। आज मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बहुत अच्छा कार्य कर रही है। ऐसे में उनके साथ हमारा खड़ा होना स्वभाविक है। कौल था कि उनके इस कदम को आप मेरी घर वापसी समझ सकते हैं। दूसरी ओर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कई विधायक उनके सतत संपर्क में हैं और उनमें से अतिशीघ्र दो-तीन विधायक कांग्रेस के साथ आएंगे।
इस पूरे घटनाक्रम को कर्नाटक से जोड़कर भी देखा जा रहा है। प्रदेश में चर्चा आम है कि वहां, कांग्रेस-जेडीसी सरकार जिस तरह से गिरी और भाजपा वहां अब अपनी सरकार बनाने जा रही है। उसी का बदला आज मध्यप्रदेश विधानसभा के अंदर कांग्रेस ने लिया है। इस पर अपनी प्रतिक्रिया में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि कांग्रेस की सरकार मप्र में बदले की भावना से काम नहीं कर रही है। वह तो वही कार्य कर रही है जो प्रदेश के विकास के लिए जरूरी है।