पूर्वी लद्दाख सीमा पर इस समय चीन के साथ चल रहे सैन्य टकराव के बीच रूस के मॉस्को में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं वादा करता हूं कि ग्लोबल सिक्यॉरिटी आर्किटेक्चर के लिए भारत प्रतिबद्ध है और पारदर्शी, समावेशी नियमों पर आधारित और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करेगा। हमें पारंपरिक और गैर पारंपरिक खतरों से निपटने के लिए संस्थानिक क्षमता की जरूरत है। भारत हर तरह के आतंकवाद की खुले रूप से निंदा करता है। एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में उन्होंने चीन की तरफ निशाना साधते हुए कहा कि एक-दूसरे के प्रति विश्वास, गैर-आक्रामकता और संवेदनशीलता का माहौल एसओसी क्षेत्र की शांति, स्थिरता और सुरक्षा के लिए अहम है।
उन्होंने कहा कि कट्टरपंथी और चरमपंथ प्रोपगंडा खत्म करने के लिए शंघाई सहयोग संगठन का ऐंटी टेरर मैकेनिज्म एक महत्वपूर्ण कदम है। अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन, सहयोग और मतभेद का शांतिपूर्ण समाधान एससीओ क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। रक्षा मंत्री ने कहा कि हमें पारंपरिक और गैर-पारंपरिक दोनों खतरों से निपटने के लिए संस्थागत क्षमता की आवश्यकता है, जिसमें आतंकवाद, नशीली दवाओं की तस्करी और पारगमन अपराध आदि हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि भारत सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद और उसके समर्थकों की निंदा करता है। इस बैठक में शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य चीन, पाकिस्तान, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान और उजबेकिस्तान समेत 11 देशों के रक्षा मंत्री हिस्सा ले रहे हैं।
राजनाथ सिंह ने मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास पहुंचकर महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करके विनम्र श्रद्धांजलि दी। रूसी सशस्त्र बलों और संग्रहालय परिसर के मुख्य कैथेड्रल, ‘मेमोरी रोड’ का दौरा किया। उन्होंने मॉन्टर्स ऑफ विनर्स जाकर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेने वाले प्रतिनिधि मंडल के प्रमुख के साथ विचार-विमर्श किया। शंघाई सहयोग संगठन, सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (सीएसटीओ) और सीआईएस के रक्षा मंत्रियों की संयुक्त बैठक में हिस्सा लेने वाले सदस्यों के साथ ग्रुप फोटो खिंचवाई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूसी संघ के मुख्य कैथेड्रल के गार्डन ऑफ पीस परिसर में पौधरोपण भी किया।
चीनी रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगहे ने शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के दौरान मास्को में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक करने का अनुरोध किया है। यदि ऐसा होता है, तो यह पूर्वी लद्दाख में भारत के साथ चल रहे तनाव के बीच चीन के साथ उच्चतम स्तर की वार्ता होगी। दोनों रक्षा मंत्री एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए इस समय मास्को में हैं। भारत को चीन की ओर से राजनाथ सिंह से मिलने का अनुरोध तब भी मिला था, जब वह इस साल की शुरुआत में विजय दिवस समारोह के लिए मास्को गए थे। हालांकि उस समय कोई बैठक नहीं हुई थी।