विनिवेश को गति देने के लिए 36 कंपनियां वित्त मंत्रालय के अधीन की गईं
नई दिल्ली, 7 जुलाई (हि.स.)। केंद्र सरकार ने अपने विनिवेश कार्यक्रम को गति देने के लिए 36 से ज्यादा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज) को वित्त मंत्रालय के अधीन कर दिया है। पहले इन कंपनियों का नियंत्रण भारी उद्योग मंत्रालय के पास था। भारी उद्योग मंत्रालय से वित्त मंत्रालय ट्रांसफर की गई कंपनियों में बीएचईएल, एचएमटी, एंड्र्यू यूल और स्कूटर्स इंडिया के नाम भी शामिल हैं। इसके साथ ही विनिवेश को गति देने के लिए सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई) को भी वित्त मंत्रालय के अधीन कर उसे मंत्रालय का छठा विभाग बना दिया गया है।
केंद्र सरकार ने 2021-22 के दौरान विनिवेश कार्यक्रम के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और वित्तीय संस्थानों में अपनी हिस्सेदारी की रणनीतिक बिक्री करके 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य तय किया है। बताया जा रहा है कि इसी लक्ष्य को हासिल करने के इरादे से सार्वजनिक क्षेत्र की इन 36 से ज्यादा कंपनियों का चयन किया गया है। इसके साथ ही इनके विनिवेश की राह को आसान बनाने के लिए ही इन कंपनियों को भारी उद्योग मंत्रालय से ट्रांसफर करके वित्त मंत्रालय के अधीन किया गया है।
केंद्र सरकार इसके पहले ही विनिवेश कार्यक्रम के तहत रणनीतिक बिक्री के लिए 35 सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज (सीपीएसई) की पहचान कर उसका ऐलान कर चुकी है। इन कंपनियों में सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया और पवन हंस के अलावा भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल), भारत पंप कंप्रेसर, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) की सलेम, भद्रावती और दुर्गापुर इकाइयां शामिल हैं।
अब जिन नए सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज (सीपीएसई) की एकमुश्त बिक्री को मंजूरी दी गई है, उनमें सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स, सीमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया, हिंदुस्तान फ्लोरोकार्बन, एचएलएल लाइफ केयर, हिंदुस्तान न्यूजप्रिंट, ब्रिज एंड रूफ इंडिया, राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) का नागरनार स्टील प्लांट और भारतीय पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) की कई इकाइयों के नाम शामिल हैं।
केंद्र सरकार ने विनिवेश कार्यक्रम को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई) को भी वित्त मंत्रालय के अधीन कर दिया है। इसके पहले सार्वजनिक उद्यम विभाग भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय का हिस्सा था। कैबिनेट सचिवालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवा विभाग के बाद लोक उद्यम विभाग को छठे विभाग का दर्जा दिया जाएगा। इसके पहले अभी तक वित्त मंत्रालय के तहत पांच विभाग कार्यरत थे। इन विभागों में आर्थिक मामलों का विभाग, राजस्व विभाग, व्यय विभाग, निवेश तथा सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग और वित्तीय सेवा विभाग था। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी गजट नोटिफिकेशन में इस नोटिफिकेशन को भारत सरकार (कार्य का आवंटन) का 361वां संशोधन नियम 2021 कहा गया है।