पाकिस्तानी लांचिंग पैड पर 300 से अधिक आतंकवादी घुसपैठ की फिराक में : डीजीपी

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लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा, लद्दाख में सेना की 14 कोर हर परिस्थिति का सामना करने में सक्षम



जम्मू, 19 जून (हि.स.)। अवंतीपोरा और शोपियां मुठभेड़ के दौरान मारे गए आठ आतंकियों के बाद पत्रकारों से बात करते हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने कहा कि पाकिस्तान और उसके द्वारा प्रायोजित आतंकी संगठनों के आकाओं को जम्मू-कश्मीर में सुधरते हालात बर्दाश्त नहीं हो रहे हैं। यही कारण है कि प्रदेश में एक बार फिर माहौल बिगाड़ने के लिए पाक प्रायोजित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा ने आपस में हाथ मिला लिए हैं। पाकिस्तान रोजाना जम्मू कश्मीर की सीमा पर गोलाबारी करके आतंकियों को भारतीय सीमा में दाखिल करवाने की नापाक कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना जम्मू कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा व नियंत्रण रेखा के करीब बसे रिहायशी इलाकों और भारतीय चौकियों पर नियमित तौर पर गोलाबारी कर रही है। इस समय भी नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तानी सेना की निगरानी में लांचिंग पैड पर करीब 300 आतंकी घुसपैठ के लिए मौके की तलाश में हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना और आतंकी संगठन जम्मू कश्मीर में हालात बिगाड़ने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं।
डीजीपी ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि पिछले साल और इस साल के अभी तक छह महीने शांतिपूर्वक रहे हैं। हमने मुठभेड़ स्थलों में कानून और व्यवस्था की स्थिति को अच्छे तरीके से संभाला है और यह सब केवल स्थानीय लोगों के सहयोग के कारण ही संभव हो पाया है।
संयुक्त प्रेस वार्ता में उपस्थित 15 कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा कि हमने दो दिन चली इन दो अलग-अलग मुठभेड़ों में आठ आतंकियों को मार गिराया है। उन्होंने कहा कि स्थानीय आतंकियों के मारे जाने पर सेना को कोई खुशी नहीं होती लेकिन हमारे पास कोई दूसरा विकल्प भी नहीं होता है। इससे बचने के लिए हमने कई कदम उठाए हैं। हम आतंकी बने स्थानीय युवकों को मुख्यधारा में वापस लाने का प्रयास कर रहे हैं। मुठभेड़ के दौरान भी आतंकी बने स्थानीय युवाओं को  आत्मसमर्पण का पूरा मौका दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि हम स्थानीय प्रशासन व अन्य लोगों की मदद से आतंकी संगठनों में नई भर्ती रोकने का भी प्रयास कर रहे हैं। पिछले दिनों हमने कुछ ऐसे लोगों को भी पकड़ा है जो स्थानीय युवओं को आतंकी संगठनों में भर्ती होने के लिए उकसाते थे और यह प्रयास आगे भी जारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि लद्दाख में स्थिति नियंत्रण में है और वहां सेना की 14 कोर के जवान हर परिस्थिति का मुकाबला करने में सक्षम हैं।
वहीं डीजीपी ने बताया कि लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच बने तनाव का पाकिस्तान फायदा उठाने की काशिश में हैं। पाकिस्तान कश्मीर घाटी में ज्यादा से ज्यादा आतंकियों की घुसपैठ कराने का प्रयास करेगा, इसलिए पुलिस तथा अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ संवाद और समन्वय बनाकर दुश्मन के हर मंसूबे को नाकाम बनाया जाएगा। आतंकी अल्पसंख्यकों और धर्मस्थलों को भी निशाना बना सकते हैं। इसलिए सभी पुलिस अधिकारी पूरी एहतियात बरतें।
उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए स्थापित चौकियों की लगातार समीक्षा की जाए। धर्मस्थलों की सुरक्षा को भी बढ़ाया जाए। बीते तीन माह का अनुभव बता रहा है कि पाकिस्तानी सेना और उसके इशारे पर चलने वाले आतंकी संगठन जम्मू कश्मीर में हालात बिगाड़ने के लिए कोशिश में हैं।

 


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