असम के 11 जिलों में बाढ़ से 2,71,655 से अधिक लोग प्रभावित

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आधा दर्जन नदियां उफान पर, बाढ़ के पानी में 2,678 हेक्टेयर फसल पूरी तरह से डूबी 



गुवाहाटी, 27 मई (हि.स.)। कोरोना महामारी के बीच असम में बाढ़ के चलते एक नई समस्या उत्पन्न हो गई है। चक्रवाती तूफान अम्फन आने के साथ ही असम समेत पूरे पूर्वोत्तर में बरसात शुरू हुई जो अभी भी जारी है। मौसम विभाग का कहना है कि बरसात अभी अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगी। लगातार बरसात के कारण असम के धेमाजी, लखीमपुर, नगांव, होजाई, दरंग, बरपेटा, नलबारी, ग्वालपारा, वेस्ट कार्बी आंग्लांग, डिब्रूगढ़, तिनसुकिया समेत 11 जिलों के 2,71,655 से अधिक व्यक्ति बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।

राज्य आपदा विभाग (एएसडीएमए) के अनुसार असम के 11 जिलों के 21 राजस्व सर्किल के 321 गांवों में निवास करने वाले 2,71,655 से अधिक व्यक्ति बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। ब्रह्मपुत्र नद जोरहाट जिले के निमातीघाट में खतरे के निशान से  01.06 मीटर ऊपर यानी 86.10 मीटर पर बह रहा है। डिब्रूगढ़ में 104.96 मीटर की चेतावनी लेबल पर, तेजपुर में 64.82 मीटर की चेतावनी लेवल पर बह रहा है। रंगानदी लखीमपुर जिले एनटी रोड क्रासिंग इलाके में 94.04 मीटर की चेतावनी लेवल पर बह रही है। जिया भराली नदी शोणितपुर जिले के एनएच रोड क्रासिंग इलाके में खतरे के निशान से 00.72 मीटर ऊपर 77.72 मीटर पर बह रही है। इसी तरह नगांव जिले के कामपुर में जिया भराली नदी खतरे के निशान से 01.03 मीटर ऊपर यानी 61.07 मीटर पर बह रही है। पुठीमारी नदी कामरूप जिले में एनएच रोड क्रासिंग इलाके में खतरे के निशान से ऊपर यानी  52.20 मीटर पर बह रही है। हालांकि, कुछ नदियां चेतावनी स्तर पर बह रही हैं।

बाढ़ के पानी में 2,678 हेक्टेयर फसल पूरी तरह से डूब गई है। 57 राहत शिविर बनाए गए हैं जबकि राहत सामग्री वितरित करने के लिए 16,720 शिविर बनाए गए हैं। बाढ़ से 28,253 बड़े पशु, 16,078 छोटे तथा 9,350 पोल्ट्री प्रभावित हुए हैं। राहत व बचाव कार्य में एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है। 09 नावों को भी बाढ़ प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया है। बाढ़ प्रभावितों के बीच 137,68 कुंतल चावल, 26,81 कुंतल दाल, 08.04 कुंतल नमक और 804.42 लीटर सरसों का तेल वितरित किया गया है। बाढ़ के दौरान कुछ इलाकों में सड़क, कलवर्ट व कच्चे मकान पूरी तरह से ड़ूब कर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कई इलाकों में नदियों के किनारे काफी कटाव भी हो रहा है जिसके चलते किसानों को काफी नुकसान हुआ है।

 


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