श्रीनगर, 15 जनवरी (हि.स.)। कश्मीर घाटी में पिछले 48 घंटों में हुई भारी बर्फबारी के चलते बर्फानी तूफान और हिमस्खलन की संभावना बनी हुई है। घाटी के पहाड़ी इलाकों में 6 फीट तक बर्फ जमी हुई है और मौसम विभाग ने जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में अभी और भारी बर्फबारी की संभावना जताई है। बर्फानी तूफान और हिमस्खलन की संभावना के बाद सेना ने नियंत्रण रेखा पर तैनात जवानों को अलर्ट कर दिया है। इसी बीच जम्मू-कश्मीर और लद्दाख प्रशासन ने भी छह जिलों में हिमस्खलन की संभावना को देखते हुए अलर्ट जारी किया है और लोगों को सचेत रहने को कहा गया है।
पिछले दो दिनों के दौरान कश्मीर घाटी की नियंत्रण रेखा व अन्य स्थानों में 13 से अधिक हिमस्खलन की घटनाओं में छह जवान शहीद हुए हैं जबकि इस दौरान 6 लोगों की मौत हुई है। इन हिमस्खलन की घटनाओं में नियंत्रण रेखा से सटे सैन्य शिविरों को भी नुकसान पहुंचा है। ऐसे में मौसम विभाग की एक बार फिर बर्फबारी, बर्फानी तूफान और हिमस्खलन की चेतावनी के बाद सेना ने नियंत्रण रेखा पर तैनात जवानों को सतर्क कर दिया है। जम्मू शहर में बुधवार सुबह कोहरा छाया रहा। दोपहर होते-होते धूप निकल आई लेकिन इसके साथ ही आसमान को बादलों ने घेर लिया। सूर्य और बादलों के बीच पूरा दिन आंखमिचौनी चलती रही। इसी बीच चल रही शीत लहर लोगों की मुशिकलें और बढ़ा रही है। वहीं मंगलवार को भी सूर्य व बादल आंखमिचौनी ही खेलते रहे। इसी बीच बुधवार को भी जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग, लेह-श्रीनगर और पुंछ से कश्मीर को जोड़ने वाला मुगल रोड बंद रहे।
सैन्य प्रवक्ता के अनुसार इन विपतियों के बीच भी सेना घाटी में हिमस्खलन और बर्फबारी से प्रभावित इलाकों में लोगों की मदद कर रही है। 30 से अधिक बर्फ में फंसे लोगों की जानें बचाई गई हैं। फंसे लोगों को निकाल उन तक चिकित्सा सहायता भी पहुंचाई जा रही है। बर्फबारी के कारण कश्मीर घाटी के ज्यादातर इलाके जिला मुख्यालयों से कट गए हैं। मार्गों पर से बर्फ हटाने का काम लगातार जारी है। बिजली-पानी की आपूर्ति भी प्रभावित है।
मौसम विभाग ने गुरुवार से पश्चिमी विक्षोभ के एक बार फिर सक्रिय होने के चलते जम्मू-कश्मीर में बारिश तथा बर्फबारी की संभावना जताई है। इस दौरान कश्मीर घाटी के ज्यादातर इलाकों में भारी बर्फबारी हो सकती है। शुक्रवार शाम तक पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव रहेगा। इसके बाद मौसम में सुधार शुरू हो जाएगा।