काबुल हवाई अड्डे पहुंचे और अधिक अमेरिकी सैनिक

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नई दिल्ली, 14 अगस्त (हि.स.)। अफगानिस्तान में तेजी से बदलते हालात के बीच अमेरिका ने अपने तीन हजार सैनिकों को काबुल हवाईअड्डे पर पहुंचाया है। वहीं, ब्रिटेन ने भी अपने बाकी सैनिकों की वापसी के लिए करीब 600 अतिरिक्त सैनिकों को अफगानिस्तान भेजने की तैयारी की है। यह कार्रवाई वहां अपने दूतावासों से अधिकारियों को निकालने में मदद के लिए की गई है। इस बीच तालिबान ने राजधानी काबुल के आसपास के प्रमुख ठिकानों पर कब्जा कर लिया है।

तालिबान ने शुक्रवार को अफगानिस्तान के दक्षिणी हिस्से पर लगभग पूरी तरह कब्जा कर लिया। इन दिनों अमेरिका अपने सैनिकों की वापसी में लगा है और उधर तालिबान काबुल की ओर बढ़ रहा है। इसके पहले तालिबान ने हेलमंद प्रांत की राजधानी पर भी अधिकार कर लिया। वहां अमेरिकी, ब्रिटिश और अन्य नाटो देशों ने पिछले दो दशक में भीषण लड़ाइयां लड़ी हैं। माना जा रहा है कि ऐसे प्रांत पर कब्जा तालिबान के लिए बड़ी कामयाबी और अफगानिस्तान सरकार के लिए बड़ा झटका है।

अब हजारों अतिरिक्त सैनिकों को काबुल हवाई अड्डे पर भेजेन के अमेरिकी फैसले से साफ हो चला है कि वहां हालात हाथ से निकल गए हैं। अमेरिका ने यह जरूर कहा है कि उसका दूतावास काम करता रहेगा। अफगानिस्तान में अमेरिकी अभियान इस महीने के आखिर तक समाप्त होने वाला है। उसकी प्रक्रिया जारी है और उसके लिए अतिरिक्त सैनिक तैनात किए जा रहे हैं। अमेरिका ने तालिबान को चेतावनी दी है कि अमेरिका की अस्थायी सैन्य तैनाती के दौरान हमले हुए तो तालिबान को इसका खामियाजा भुगतना होगा।

अमेरिका और ब्रिटेन की तरह कनाडा ने भी अपने कर्मचारियों की सुरक्षित निकासी के लिए विशेष सैन्य बलों की तैनाती का फैसला लिया है।


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