मुंबई, 2 जुलाई (हि.स)टर्म लोन पर ईएमआई चुकाने के लिए मिला मोरेटोरियम का फायदा 2 महीने और उठाया जा सकता है। अब उद्याेग, स्वयं रोजगार लोग, हाउसिंग और कार आदि लोन लेने वालों को अपने लोन चुकाने में 2 महीने की और मोहलत मिल गई है। भारतीय रिजर्व बैंक की यह सुविधा 31 अगस्त, 2020 तक उपलब्ध होगी।
गौरतलब है कि यह योजना 31 मई को समाप्त हो रही थी। यह योजना पहली बार 1 मार्च, 2020 को तीन महीनों के लिए घोषित की गई थी। लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर इंडस्ट्री, आम आदमी और लोन लेने वालों को जो कठिनाई आ रही थी उससे निजात दिलाने के लिए रिजर्व बैंक ने यह स्कीम घोषित की है।
योजना की अवधि बढ़ाने का मतलब यह होगा कि लिए गए टर्म लोन को चुकाने के लिए इस अवधि में लोन की ईएमआई किश्त न चुकाएं तो चलेगा। जैसे किसी ने 10 लाख रुपये का हाउसिंग लोन लिया है और उसकी किश्त या ईएमआई हर महीने 10 हजार रुपये है जिसमें 5000 रुपया है तो उसे 31 अगस्त, 2010 तक अपनी ईएमआई चुकाने पर कोई पेनल्टी नहीं लगेगी लेकिन 31 अगस्त के बाद उसे मोरेटोरियम अवधि की ब्याज लोन मनी में जुड़़ जाएगी और तब उसे पे करना होगा। अर्थात यह लोन न चुकाने की माफी योजना नहीं है। केवल पेनल्टी से बचाने की योजना है।
यह भी जानना है कि इंडस्ट्रीू खासकर एनबीएफसी आदि ने मोरेटोरियम की अवधि 3 साल बढ़ाने की मांग की थी लेकिन यह मांग मानने पर पूरे बैंकिंग और फाइर्नैशियल सेक्टर की सेहत बिगड़ने का खतरा था। हो सकता है कि 31 अगस्त के बाद यह योजना और अवधि के लिए बढ़ जाए। लेकिन एनिलस्टों का कहना है कि जो लोग कर्ज की ईएमआई चुका सकते हैं उन्हें इस योजना का फायदा उठाने से बचना चाहिए क्योंकि ब्याज बाद में तो देना ही है। साथ ही एसा होने पर बैंक इस तरह के ‘गुड’ बोरोअर को ब्याज दर में कुछ राहत दे दें।
गौरतलब है कि अनेक लोगों जैसे जिन्होंने कार, होम, या अपने छोटे-मोटे धंधों को शुरु करने या जारी रखने के लिए लोन लिया था लेकिन लॉकडाउन के चलते हुए या तो उनकी आय कम हो गई या बंद हो गई तो वे अपने लोन की ईएमआई चुकाने में कठिनाई पा रहे थे। अब इस मोरेटोरियम अवधि में यदि वे अपने लोन की ईएमआई नहीं चुकाते हैं तो कोई बैंक या नॉनबीएनएफसी, या फाइनेंशिलय कंपनी लोन लेने वालों से ईएमआई न भरने के लिए पेनल्टी नहीं ले सकेगी। इससे लोन लेने वालों का क्रेडिट स्कोर खराब नहीं होगा और उन्हें आगे लोन लेने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।
रिजर्व बैंक के अनुसार, यह सुविधा देश के सभी कमर्शल बैंक, रीजनल रुरल बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक और लोकल एरिया बैंक, सहकारी बैंक, ऑल इंडिया फाइनेंस इस्टीट्यूट, एनबीएफसी, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों और माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूट को देनी है।