श्रीहरिकोटा(आंध्र प्रदेश), 15 जुलाई (हि.स.)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चंद्रयान-2 मिशन की लॉन्चिंग तकनीकी कारणों से आखिरी समय में रोक दी गई। भारत का बहुप्रतीक्षित चंद्रयान-2 मिशन रविवार-सोमवार की दरमियानी रात 2.51 पर तय उड़ान से 56 मिनट 24 सेकंड पहले यानी 1.24 बजकर 36 सेकंड पर रोक दिया गया।
इसरो के प्रवक्ता बीआर गुरुप्रसाद ने बताया कि जीएसएलवी-एमके3 लॉन्च व्हीकल(रॉकेट) में खराबी आने के कारण लॉन्चिंग रोकी गई है। इसरो ने बयान जारी कर कहा कि काउंटडाउन के 56वें मिनट के दौरान लॉन्च व्हीकल सिस्टम में एक तकनीकी दिक्कत का पता चला। ऐहतियातन हमने लॉन्च होने वाले चंद्रयान-2 मिशन को तत्काल रोकने का फैसला किया है। लॉन्चिंग की नई तारीख की घोषणा जल्द की जाएगी। चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग पर भारत समेत दुनिया के कई देशों की नजरें थीं। वैज्ञानिक दृष्टि से यह बहुत जोखिमभरा होता यदि उड़ान के बाद उसमें खराबी आती।
हो सकते हैं ये कारण: 1. क्रायोजेनिक इंजन में लिक्विड हाइड्रोजन भरते समय सही तापमान या दबाव का न होना। जिस समय काउंटडाउन रोका गया, उससे ठीक पहले लिक्विड हाइड्रोजन भरने का काम पूरा हुआ था।
2. बाहुबली रॉकेट जीएसएलवी-एमके3 की बैटरी में दिक्कत हो सकती है।
2. बाहुबली रॉकेट जीएसएलवी-एमके3 की बैटरी में दिक्कत हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि चन्द्रयान-2 की रात 2 बजकर 51 मिनट पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्चिंग होनी थी। ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए स्पेस थीम पार्क में करीब 7500 लोग मौजूद थे। चन्द्रयान-2 को सितम्बर के पहले हफ्ते में चंद्रमा पर उतरने की संभावना थी।
पहले भी टाली गई थी लॉन्चिग: इससे पहले पिछले साल जीसैट-11 को मार्च-अप्रैल में भेजा जाना था, लेकिन जीसैट-6ए मिशन के नाकाम होने के बाद इसे टाल दिया गया। 29 मार्च को रवाना हुए जीसैट-6ए से सिग्नल लॉस की वजह इलेक्ट्रिकल सर्किट में गड़बड़ी हुई थी। ऐसी आशंका थी कि जीसैट-11 में यही दिक्कत सामने आ सकती है। इसलिए इसकी लॉन्चिंग को रोक दिया गया था। इसके बाद कई टेस्ट किए गए और पाया गया कि सारे सिस्टम ठीक हैं। पांच दिसंबर,2018 फिर इसकी लॉन्चिंग की गई। उस समय भी इसरो को जांच संबंधी सारी प्रक्रिया पूरी करने में काफी समय लगा था। इसरो ने 2013 में जीएसएलवी डी-5 रॉकेट का प्रक्षेपण भी ईंधन रिसाव के चलते स्थगित कर दिया था।