नई दिल्ली, 14 नवम्बर (हि.स.)। आर्थिक मोर्चे पर पहले से ही घिरी मोदी सरकार को गुरुवार को एक और झटका लगा है। अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने एक साल में दूसरी बार भारत के ग्रोथ रेट का अनुमान घटाकर 5.6 फीसदी कर दिया है।
मूडीज ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 5.8 फीसदी से घटाकर 5.6 फीसदी कर दिया है। रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में नरमी अनुमान के विपरीत लंबी अवधि तक खींच गई है, जिसकी वजह से उसे अपने अनुमान को कम करना पड़ा है।
क्रेडिट रेटिंग और शोध सेवा देने वाली कंपनी मूडीज ने कहा है कि हमने भारत के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटा दिया है। मूडीज ने कहा कि हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2019-20 में ये 5.6 फीसदी रहेगी, जो कि वित्त वर्ष 2018-19 में 7.4 फीसदी थी।
अगले वित्त वर्ष में विकास दर में आएगी तेजी
हालांकि, मूडीज का मानना है कि वित्त वर्ष 2020-21 और वित्त वर्ष 2021-22 में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी और ये क्रमश: 6.6 फीसदी तथा 6.7 फीसदी रह सकती है लेकिन वृद्धि की गति पूर्व के वर्षों के मुकाबले धीमी ही रहेगी। मूडीज के मुताबिक निवेश गतिविधियां पहले से धीमी है लेकिन खपत के लिए मांग की वजह से अर्थव्यवस्था में तेजी बनी हुई थी। हालांकि, अब खपत और मांग भी नरम हुई है, जिससे मौजूदा नरमी को लेकर समस्या बढ़ रही है।