सभी 130 करोड़ भारतीय अपने हैं किसी के प्रति नहीं रखें भेदभाव: मोहन भागवत
नई दिल्ली, 26 अप्रैल (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन राव भागवत ने रविवार को कहा कि कोरोना संकट के दौरान कुछ लोग भय और क्रोधवश गलतियां कर रहे हैं लेकिन ऐसे समय में किसी के प्रति मन में भेदभाव रखना सही नहीं है। देश की 130 करोड़ जनता भारत माता की संतान है और सभी अपने हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, नागपुर की ओर आयोजित वर्तमान परिदृश्य एवं हमारी भूमिका विषय पर बोलते हुए संघ प्रमुख ने जो कुछ कहा, उसका अनेक समाचार चैनल्स और सोशल नेटवर्किंग साइट्स से सीधा प्रसारण किया गया। लॉक डाउन घोषित होने के बाद संघ प्रमुख का यह पहला सार्वजनिक उद्वोधन था । इसमें संघ प्रमुख ने कहा कि कोरोना संकट को किसी एक समाज से जोड़कर उससे दूरी बनाना सही नहीं है। स्वार्थ के कारण कुछ लोग भड़काने की राजनीति का प्रयास कर रहे हैं लेकिन हमें इनसे दूरी बनाकर रहना है। संघ के स्वयंसेवकों की सोच हमेशा देश हित की होगी जिसमें सभी से अपने हैं और किसी का विरोध नहीं होना चाहिए।
इस दौरान भागवत ने पालघर में दो हिन्दू साधुओं की भीड़ हिंसा में की गई हत्या की निंदा की और पुलिस व प्रशासन से ऐसे मामलों में सख्ती बरतने की अपील की। उन्होंने कहा कि साधुओं ने किसी का कुछ नहीं बिगाड़ा था । आगामी 28 तारीख को इन साधुओं को श्रद्धांजलि दी जाएगी।
मोहन भागवत ने कहा कि पहली बार विश्व ने कोरोना जैसी महामारी के संकट का सामना किया है। यह संकट हमें काफी कुछ सिखा रहा है। यह हमें स्वालंबन की शिक्षा दे रहा है। ऐसे में हमें राष्ट्र निर्माण के कार्य में लगना होगा। पर्यावरण अनुकूल, रोजगारपरक और जरूरत से ज्यादा उपभोग न करने वाली विज्ञान और परंपरा पर आधारित विकास के मॉडल का निर्माण करना होगा। इसमें स्वदेशी का उपयोग करना और अपनी शर्तों पर ही कहीं बाहर से सामान आयात करना शामिल है।
मोहन भागवत ने कहा कि भारत का स्वभाव ही सबको अपना मानकर उनकी सेवा करने का है। इसी क्रम में हमने दुनिया को इस संकट के दौर में अपने हितों को कम कर दवाईयां बांटी है। यह हम किसी कीर्ति के लिए नहीं कर रहे बल्कि अपनत्व भाव से कर रहे हैं। सेवा का मूल भाव ही अपनत्व होना चाहिए।
संघ प्रमुख ने कहा कि कोरोना संकट से हमें डरने की जरुरत नहीं है बल्कि मिलकर इसका सामना करने की जरूरत है। इस संकट की घड़ी में सभी लोगों को अपना मानकर उनकी सेवा का काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सेवा के साथ-साथ सावधानी रखने की भी जरूरत है। सावधानी इसलिए कि हम कहीं बीमार न हो जाएं और सावधानी इसलिए भी कि कोई हमारा गलत लाभ न उठा ले। सभी को सहायता मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट कबतक चलेगा इसके बारे में हमें जानकारी नहीं है। संकट की घड़ी में तत्परता से काम करने की जरूरत है और बिना किसी आलस के लगातार प्रयास करने की जरूरत है। लॉकडाउन के बाद भी हमें समाजिक दूरी के नियम का पालन करना होगा और लोगों को भी जागरुक रखना होगा। फिर से बीमारी न आए इसके लिए समाज को दिशा देने की जरुरत है।