थिम्पू/नई दिल्ली, 17 अगस्त (हि.स.) । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज हिमालयी पड़ोसी देश भूटान को 720 मेगावाट क्षमता वाले मंगदेछु जल विद्युत् संयंत्र और संचार सुविधाओं के विस्तार के लिए उपग्रह भू-केंद्र की सौगात भेंट की।
भूटान के प्रधानमंत्री डॉ लोटे त्शेरिंग से द्विपक्षीय वार्ता के बाद दोनों नेताओं ने भारत के सहयोग से निर्मित इन परियोजनाओं का उद्घाटन किया। थिम्पू के पास ऐतिहासिक महत्त्व के नगर सिम्तोखा द्ज़ोंग में भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के सहयोग से निर्मित उपग्रह भूकेंद्र का उद्घाटन किया गया जिससे भूटान में संचार सुविधाओं में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। प्रधानमंत्री की दक्षिण एशिया सहयोग संगठन (सार्क) की उपग्रह सुविधा का विस्तार करने की घोषणा के तहत इस भू-केंद्र की स्थापना हुई है।
दोनों प्रधानमंत्रियों की मौजूदगी में 10 करारों और समझौतों पर भी हस्ताक्षर किये गए। भूटान में डिजिटल लेनदेन का मार्ग प्रशस्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रुपे कार्ड भी लॉन्च किया। भारत के राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क और भूटान के ड्रुक रिसर्च एंड एजुकेशन नेटवर्क के बीच संपर्क प्रणाली की भी शुरुआत हुई।
पारो अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्वागत, रास्तों में लोगों की दोनों ओर कतारे ,गार्डआफ आनर और भारतीय समुदाय के लोगोंसे मुलाकात से अभीभूत मोदी ने संयुक्त प्रेसवार्ता में भूटान के साथ भारत की मैत्री को अद्वितीय बताते हुए कहा कि भूटान जैसा मित्र और पड़ोसी देश कौन नहीं चाहेगा। दोनों देशों के बीच साझा आध्यात्मिक विरासत का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देशों के सुरक्षा हित भी जुड़े हुए हैं।आर्थिक और सांस्कृतिक सम्बन्धों को और बेहतर बनाने की काफी संभावनाएं हैं। भूटान के प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर दीवारे बोल सकती तो सिम्तोखा-दिंगजोग के पास भूटान और अबतक की यात्रा के बारे में बताने के लिए कहानियां होती। उन्होंने कहा कि आज एक नये अध्याय की शुरुआत हुयी है।
मोदी ने भूटान के विदेशी मुद्रा कोष के लिए दस करोड़ डॉलर की धनराशि देने तथा नालंदा विश्वविद्यालय में भूटान के छात्रों की छात्रवृत्ति की संख्या दो से बढ़ाकर पांच करने की घोषणा की। दोनों देशों के शिक्षण संस्थाओं के बीच भी कई करारों पर हस्ताक्षर किए गए। मोदी ने सिम्तोखा-दिंगजोग में साइप्रस पौधे का रोपण भी किया।