अनियमित कॉलोनियों के पदाधिकारियों ने जताया मोदी का आभार

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मोदी ने कहा कि पीएम उदय योजना से एक प्रकार से दिल्ली के नए उदय का प्रारंभ होना है। इसलिए आप खुद सक्रिय होकर उसके नियमों को पढ़कर कैसे उसके साथ जुड़ सकते हैं, इसके बारे में विचार कीजिए।



नई दिल्ली, 08 नवम्बर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिल्ली के सांसद, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) के कार्यालय धारकों और अनधिकृत कॉलोनियों के सदस्यों ने मुलाकात कर धन्यवाद ज्ञापित किया। इन लोगों ने मोदी सरकार द्वारा अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 40 लाख लोगों को मालिकाना हक देने के कैबिनेट के फैसले को मंजूरी देने पर सरकार का आभार जताया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब 2014 में हमारी सरकार बनीं तब से हम इसके लिए ऐसे रास्ते खोज रहे थे। कुछ आशा थी कि स्थानीय सरकारें कुछ जिम्मेदारी उठाएगी लेकिन सारे प्रयास, सारे प्रयोग कहीं न कहीं उलझते रहें। आखिरकार यह तय किया कि कोई करे या न करे हम इसे किए बिना रह नहीं सकते।

मोदी ने कहा कि उन्होंने तय किया कि कोई जिम्मेदारी उठाए न उठाए पर वह गैरजिम्मेदार नहीं बन सकते। सरकार में से जितने अफसर देने पड़ेंगे वो देंगे, सर्वे के लिए जितने लोगों को लगाना पड़ेगा लगाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार पूरी जिम्मेदारी के साथ इस काम को पूर्ण करेगी। उन्होंने कहा कि सरकारी व्यवस्था के अलावा भाजपा के सभी जिम्मेदार कार्यकर्ता भी इसकी नीति बनाने में सक्रीय रहे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं सबको यही मंत्र देता था कि नीति ऐसी बनेगी, जिसकी आत्मा होगी- सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास। उन्होंने कहा कि देश आजाद होने से लेकर आज तक एक ऐसी परंपरा बन गई थी, जिसमें लटकाना, अटकाना, और भटकाना शामिल था। कोई निर्णय ही नहीं किया जाता था, बस लटकाये रहते थे कि कोई और आएगा तो वो देखेगा।

मोदी ने कहा कि पीएम उदय योजना से एक प्रकार से दिल्ली के नए उदय का प्रारंभ होना है। इसलिए आप खुद सक्रिय होकर उसके नियमों को पढ़कर कैसे उसके साथ जुड़ सकते हैं, इसके बारे में विचार कीजिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने करीब 25 हजार करोड़ रुपये लगाकर ऐसी योजना बनाई है, जिससे ये 4.5 लाख लोगों के मकान के काम को पूरा कराकर, उन्हें मकान सौंप दिया जाए। पिछले 5-10 साल से कई ऐसी आवासीय योजनाएं अधूरी लटकी थीं, जिनके कारण लोगों को उनका मकान नहीं मिल रहा था।

 


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